
- अखिलेश शुक्ला ने डीआईओएस से की वित्तीय जांच की मांग
Barabanki : राजकीय बालिका इंटर कॉलेज फतेहपुर की प्रधानाचार्या पर सरकार के नियमों के विपरीत शुल्क वसूली का गंभीर आरोप सामने आया है। यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफिसर्स एसोसिएशन बाराबंकी के जिला अध्यक्ष अखिलेश कुमार शुक्ला ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) बाराबंकी को पत्र लिखकर इस मामले की वित्तीय जांच कराने की मांग की है।
शुक्ला ने पत्र में स्पष्ट किया कि शासनादेश संख्या 2072(1)/15-7-2009 तथा शिक्षा अनुभाग-7 द्वारा दिनांक 15 जनवरी 2010 को जारी निर्देशों के मुताबिक माध्यमिक विद्यालयों में पीटीए (Parent-Teacher Association) शुल्क या बिल्डिंग शुल्क के नाम पर किसी भी प्रकार की धनराशि लेना पूर्णतः अवैध है। आदेशों में साफ कहा गया है कि छात्र-छात्राओं से केवल शासन द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसी भी नाम पर शुल्क लेना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
इसके बावजूद प्रधानाचार्या श्रीमती पूनम पर आरोप है कि वर्ष 2021 से अब तक बच्चों से अवैध रूप से पीटीए शुल्क वसूला जा रहा है। श्री शुक्ला ने मांग की है कि यह जांच किसी वित्त अधिकारी से कराई जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि तीन वर्षों में कुल कितनी राशि वसूली गई तथा उसे किन-किन मदों में खर्च किया गया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पीटीए शुल्क का उपयोग विद्यालय के विकास अथवा अनुमन्य कार्यों पर न होकर, सीधे नकद भुगतान के रूप में कर्मचारियों/शिक्षकों को किया गया है, जो कि इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट 1921 एवं शासनादेशों का सीधा उल्लंघन है।
अखिलेश शुक्ला ने इस प्रकरण की जानकारी अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) एवं शिक्षा निदेशक, लखनऊ को भी प्रेषित की है और चेतावनी दी है कि यदि इस प्रकार की अवैध वसूली पर रोक नहीं लगाई गई तो यह छात्रों और अभिभावकों के हितों के साथ सीधा खिलवाड़ होगा।
गौरतलब है कि इससे पूर्व इसी विद्यालय में लिपिक उत्पीड़न प्रकरण भी चर्चा में रहा था। अब अवैध शुल्क वसूली का नया विवाद सामने आने से विद्यालय प्रशासन एक बार फिर विवादों में घिर गया है। शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।