
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मंगलवार से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के पहले ही दिन बांग्लादेशी मूल के एक युवक का फर्जी वोटर आईडी कार्ड सामने आने से हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार, उत्तर 24 परगना जिले के बसिरहाट के हिंगलगंज क्षेत्र में रहने वाले रशीदुल ग़ाज़ी के वोटर आईडी कार्ड में ससुर को पिता और सास को मां के रूप में दर्ज कर दिया गया है। इतना ही नहीं, उसका नाम भी बदल कर अब्दुल ग़ाज़ी कर दिया गया है।
मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि रशीदुल बांग्लादेश के सतखीरा जिले का रहने वाला है और वर्ष 2012 में अवैध रूप से सीमा पार कर भारत आया था। बसिरहाट के रास्ते तमिलनाडु पहुंचकर उसने काम शुरू किया, जहां उसकी मुलाकात हिंगलगंज निवासी एक युवती से हुई। दोनों के बीच प्रेम संबंध विकसित हुए और शादी का निर्णय लिया गया।
लेकिन शादी के बाद नया मुद्दा सामने आया — युवक के पास भारतीय पहचान-पत्र नहीं था। आरोप है कि स्थानीय स्तर पर जुगाड़ कर उसके नाम से पहचान-पत्र बनवाया गया और कुछ ही दिनों में उसका नाम अब्दुल ग़ाज़ी के रूप में बदल दिया गया। हैरानी की बात यह है कि हिंगलगंज के पश्चिमपाड़ा के बूथ संख्या 208 की मतदाता सूची में भी उसका नाम दर्ज हो गया।
पहचान-पत्र में हुई गड़बड़ी की शिकायत सामने आते ही मामला स्थानीय पुलिस तक पहुंचा है। बसिरहाट जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है और जांच की जा रही है। अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
घटना की जानकारी अब जिला प्रशासन तक भी पहुंच गई है और मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।















