
Dhaka : बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर आग उगल रही है। सत्ता से बेदखल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता-विरोधी अपराधों (क्राइम्स अगेंस्ट ह्यूमैनिटी) के मामले में सोमवार को ढाका का इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा, जो लाइव टीवी पर प्रसारित होगा। 78 वर्षीय हसीना को अनुपस्थिति में दोषी ठहराए जाने और मौत की सजा सुनाए जाने की पूरी संभावना है, जो 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों पर उनकी सरकार की कथित क्रूर कार्रवाई से जुड़ा है। फैसले से ठीक एक दिन पहले, हसीना के बेटे और राजनीतिक सलाहकार सजीब
वाजेद जॉय ने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में तीखी चेतावनी दी है: अगर अवामी लीग पर लगा बैन नहीं हटाया गया, तो पार्टी समर्थक फरवरी 2026 के आम चुनावों को रोक देंगे और विरोध प्रदर्शन हिंसा का रूप ले सकते हैं। जॉय ने कहा, “वे दोषी ठहराएंगे, शायद मौत की सजा भी देंगे, लेकिन मेरी मां भारत में पूरी तरह सुरक्षित हैं उन्हें राज्य प्रमुख जैसा सम्मान और पूर्ण सुरक्षा मिल रही है।” इस बीच, ढाका में रविवार रात को कई क्रूड बम विस्फोटों ने तनाव को और भड़का दिया है, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। आइए, विस्तार से समझते हैं इस उबलते मुद्दे के हर पहलू को।
2024 की क्रूर कार्रवाई: छात्र आंदोलन पर हसीना सरकार का खूनी दमन, 1,000 से अधिक मौतें
यह मामला जुलाई-अगस्त 2024 के उन खौफनाक दिनों से जुड़ा है, जब बांग्लादेश में कोटा सुधार को लेकर शुरू हुए छात्र आंदोलन ने पूरे देश को हिला दिया। हसीना सरकार पर आरोप है कि उन्होंने सेना और पुलिस को तैनात कर प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने, अत्याचार और दमन का आदेश दिया, जिसमें कम से कम 1,000 से अधिक लोग मारे गए जिनमें सैकड़ों छात्र, पत्रकार और सामान्य नागरिक शामिल थे। ICT ने अगस्त 2024 में हसीना के खिलाफ औपचारिक आरोप लगाए, और ट्रायल की शुरुआत सितंबर में हुई। हसीना ने आरोपों को “राजनीतिक साजिश” बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी फायरिंग का आदेश नहीं दिया। लेकिन अंतरिम सरकार नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में ने इसे “जनता का बदला” करार दिया। फैसला लाइव प्रसारण से सुनिश्चित होगा कि कोई छेड़छाड़ न हो, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह हसीना की 15 साल की सत्ता का अंतिम अध्याय लिखेगा।
सजीब वाजेद जॉय का धमकी भरा बयान: चुनाव बाधित, हिंसा संभव अवामी लीग पर बैन हटाने की शर्त हसीना के बड़े बेटे सजीब वाजेद जॉय जिन्हें बांग्लादेश में ‘जॉय’ के नाम से जाना जाता है और जो वाशिंगटन डीसी में रहते हैं ने रविवार को रॉयटर्स को दिए विशेष इंटरव्यू में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि फैसला क्या होगा दोषसिद्धि और शायद मौत की सजा। लेकिन अपील तभी करेंगे जब अवामी लीग की भागीदारी वाली लोकतांत्रिक सरकार सत्ता में आए।” जॉय ने चेतावनी दी कि अगर अंतरिम सरकार अवामी लीग पर लगा बैन (जो अगस्त 2024 में लगाया गया) नहीं हटाती, तो पार्टी के लाखों समर्थक फरवरी के चुनावों को बाधित कर देंगे। “प्रदर्शन हिंसा में बदल सकते हैं,” उन्होंने कहा, जो देश को 2024 के आंदोलन जैसी अराजकता की ओर धकेल सकता है।
जॉय ने अंतरिम सरकार या प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) जो अगली सरकार का दावा कर रही है से कोई संपर्क न होने की बात कही। उन्होंने बताया कि वह और हसीना बांग्लादेश के पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क में हैं। हसीना ने रविवार रात को अवामी लीग के फेसबुक पेज पर एक इमोशनल ऑडियो संदेश जारी किया, जिसमें समर्थकों से सड़क प्रदर्शनों को जारी रखने की अपील की: “डरने की कोई बात नहीं, मैं जिंदा हूं।” पार्टी ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल (शटडाउन) का ऐलान किया है, जो फैसले के खिलाफ है।
भारत में हसीना की सुरक्षित जिंदगी: राज्य प्रमुख जैसा सम्मान, लेकिन सतर्कता बरत रही हैं
अगस्त 2024 में हेलीकॉप्टर से भागकर भारत पहुंची हसीना दिल्ली में निर्वासन जीवन जी रही हैं। जॉय ने कहा, “भारत उन्हें पूर्ण सुरक्षा दे रहा है और राज्य प्रमुख जैसा सम्मान।” अक्टूबर में रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में हसीना ने बताया कि वे दिल्ली में स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से सतर्क रहती हैं। उनके माता-पिता और तीन भाइयों की 1975 के सैन्य तख्तापलट में हत्या हो चुकी है, इसलिए खतरा हमेशा बना रहता है। भारत ने हसीना को शरण दी है, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का संकेत है, लेकिन अंतरिम सरकार ने इसे “राजनीतिक हस्तक्षेप” बताकर नाराजगी जताई है।
देश में तनावपूर्ण माहौल: ढाका में बम विस्फोट, हड़ताल और सुरक्षा बल तैनात
फैसले से पहले बांग्लादेश में तनाव चरम पर है। रविवार रात ढाका के कई इलाकों में क्रूड बम विस्फोट हुए, जो अवामी लीग समर्थकों या विरोधियों से जुड़े हो सकते हैं हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। सोमवार को अवामी लीग की हड़ताल से बाजार बंद रहेंगे, और जामा-अत-ए-इस्लामी जैसे दलों ने भी विरोध रैलियां बुलाई हैं। अंतरिम सरकार ने सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं, और मुहम्मद यूनुस ने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि फैसला देश को सांप्रदायिक हिंसा या अस्थिरता की ओर ले जा सकता है। BNP ने कहा कि चुनाव तय समय पर होंगे, लेकिन अवामी लीग की भागीदारी पर सवाल उठाए।















