बांग्लादेश-भारत के रिश्ते तनावपूर्ण : पड़ोसी मुल्क ने एक बार फिर लगाए बड़े आरोप, अब लोगों के अचानक गायब …

नई दिल्ली। बांग्लादेश आए दिन भारत पर तरह-तरह के आरोप लगाने से बाज नहींं आ रहा है। अब पड़ोसी मुल्क की इन्क्वायरी कमीशन (जांच आयोग) ने लोगों के अचानक गायब होने के पीछे भारत पर शक किया है। हाल ही में आयोग ने देश से 3,500 लोगों के गायब होने की रिपोर्ट यूनुस को सौंपी थी। इस आयोग का गठन यूनुस सरकार ने किया था।

बांग्लादेश और भारत के बीच के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण चल रहे हैं। अब ऐसे समय में बांग्लादेश द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप, दोनों देशों के बीच के संबंधों को बद से बदतर कर सकते हैं। 

शेख हसीना पर भी जताया था शक

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा गठित जांच आयोग की रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा किया। जानकारी के मुताबिक, 3,500 से भी ज्यादा लोग देश से अचानक गायब हुए, जिसके पीछे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का हाथ है। यूनुस सरकार के मुख्य सलाहकार के ऑफिस की प्रेस ने इस बात की पुष्टि की थी। साथ ही, एक बयान में कहा कि आयोग को इस मामले में, शेख हसीना के संलिप्त होने के सबूत भी मिले हैं।

आयोग में कौन-कौन है?

यूनुस सरकार द्वारा बनाए गए आयोग में चेयरमैन के साथ जस्टिस फरीद अहमद शिबली, प्राइवेट बीआरएसी यूनिवर्सिटी टीचर नबीला इदरीस, कार्यकर्ता नूर खान शामिल हैं। 

पहले भी लगाए थे बांग्लादेश ने आरोप

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय पर सवाल उठाया थे। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय के उन आंकड़ों पर सवाल किए थे, जिसमें हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बात कही थी। पड़ोसी मुल्क का कहना थी कि, ‘विदेश मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश में साल 2022 में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की 47 घटनाएं थीं। वहीं ये बढ़कर, साल 2023 में 302 और 2024 में 22 सौ थी। यह आंकड़े भ्रामक और काफी चिंताजनक हैं। स्वतंत्र मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलिश केंद्र के मुताबिक, साल 2024 में जनवरी और नवंबर के बीच बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक घटना की संख्या 138 है। जिसमें से करीब 368 घरों पर हमला हुआ था, जिसमें 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।’

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