
Banda : विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में न्यायिक अधिकारियों ने कामकाजी महिलाओं को सुरक्षा और कानूनों की विस्तार से जानकारी दी तथा उन्हें कार्यस्थल पर यौन शोषण से बचाव और आत्मनिर्भर बनने की नसीहत दी। समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी महिलाओं से संबंधित कानूनों पर विस्तृत चर्चा की।
सोमवार को सदर तहसील सभागार में आयोजित शिविर को संबोधित करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला जज श्रीपाल सिंह ने कहा कि असंगठित क्षेत्रों, निजी या सरकारी संस्थानों सहित घरेलू कार्य करने वाली महिलाओं के साथ अक्सर उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी महिलाएं अक्सर मानव तस्करी, यौन शोषण, लिंग आधारित उत्पीड़न और पीछा करने जैसी घटनाओं का शिकार होती हैं। ऐसे में पीड़ित महिलाएं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि पारिवारिक मामलों की संख्या कम करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मध्यस्थता अभियान चलाया जा रहा है। सदर तहसीलदार विकास पांडेय ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आत्मचिंतन और स्वनिर्णय की क्षमता को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को नकारात्मक परिस्थितियों से बचने का प्रयास करना चाहिए तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
जेंडर विशेषज्ञ कामिनी सिंह ने महिलाओं को व्यभिचार या अश्लील हरकत करने वालों के खिलाफ तत्काल संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज कराने की नसीहत दी। उन्होंने महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 और 181 का उपयोग करने की सलाह दी।
वनांगन संस्था की शबीना मुमताज ने महिलाओं और बालिकाओं को उनके साथ हो रहे उत्पीड़न एवं अश्लील हरकतों पर तुरंत शिकायत दर्ज कराने और किसी बड़ी अनहोनी से बचने की सलाह दी।
जिला प्रोबेशन विभाग की आकांक्षा सिंह ने कार्यक्रम में शामिल सभी का आभार व्यक्त किया।
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