
Banda: सांडी खंड संख्या-77 में अवैध खनन और किसानों की भूमि से जबरन निकाली जा रही बालू पट्टाधारकों और उनके गुर्गों की दबंगई के विरोध में महिला-पुरुष किसानों ने सामूहिक रूप से खदान के पास केन नदी में जल सत्याग्रह किया। पानी में देर तक खुद को रखकर माफियाओं और प्रशासन के विरुद्ध नारे लगाए। आरोप लगाया कि खनिज अधिकारी अवैध खनन करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। किसानों ने डीएम से मौके पर आने की मांग करते हुए पूरे प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग की।
पैलानी तहसील क्षेत्र के सांड़ी गांव के खंड संख्या-77 में अवैध खनन और किसानों व ग्राम सभा की भूमि से जबरन निकाली जा रही बालू पट्टाधारकों और उनके गुर्गों की दबंगई के विरोध में दर्जनों महिला-पुरुषों ने नदी की जलधारा में बैठकर जल सत्याग्रह शुरू किया। सत्याग्रह कर रहे किसानों ने बताया कि सांडी खंड 77 में न्यू यूरेका माइंस एंड मिनरल्स (छतरपुर) की कंपनी के संचालक व खदान के पट्टा धारक हिमांशू मीणा रात दिन अवैध खनन करा रहें है। पट्टाधारक और उसके गुर्गे दिन-रात किसानों व ग्राम सभा की भूमि से बालू का अवैध खनन कर रहे हैं। आरोप लगाया कि पट्टाधारकों को खनिज अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है। सांठगांठ के चलते ग्राम सभा व किसानों की निजी भूमि पर प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों से बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। किसानों ने केन नदी पर लगातार अवैध खनन होने से भूगर्भीय जल संकट गहराने की आशंका जताई है। सत्याग्रह करने वाले महिला व पुरुष किसानों ने जिलाधिकारी से की मौके पर आने की मांग करते हुए जांच कराकर पट्टाधारक को काली सूची में डालने की मांग की।
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