
Banda : उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारियों ने जल निगम अधिशासी अभियंता (नगरीय) कार्यालय में काला फीता बांधकर विरोध-प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाया। इसमें जल निगम को ग्रामीण और नगरीय दो भागों में विभाजित किए जाने का कड़ा विरोध जताया गया। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एक्सईएन को सौंपते हुए नगरीय और ग्रामीण को पुनः एकीकृत करने, वैधानिक मान्यता देने तथा छह महीने से बकाया वेतन, पेंशन और ग्रेच्युटी के भुगतान की मांग की गई।
संघर्ष समिति संयोजक जी.पी. शैलेंद्र की अगुवाई में मंगलवार को जल निगम कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड जल निगम (नगरीय) कार्यालय में धरना-प्रदर्शन करते हुए विभाजन का काला दिवस मनाया। प्रदेश अध्यक्ष एस.के. सिंह ने बताया कि पांच साल पहले 9 सितंबर को जल निगम को नगरीय और ग्रामीण के रूप में विभाजित किया गया था। सभी कर्मियों ने विभाग के विभाजन को अनुचित करार देते हुए विरोध जताया था।
उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र के कर्मियों का छह महीने से वेतन और पेंशन बकाया है। तमाम पेंशनभोगी और कर्मचारी अपने परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने में असमर्थ हैं। विभाग में मिलने वाला महंगाई भत्ता और राहत भत्ता 252 प्रतिशत के स्थान पर 212 प्रतिशत दिया जा रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के कर्मियों को 246 प्रतिशत तत्काल दिया जा रहा है। यह नियमों के अनुरूप नहीं है।
जिला संयोजक ने कहा कि विभाग के सातवें वेतनमान तथा राज्य कर्मियों की भांति महंगाई भत्ता और राहत भत्ते का शीघ्र भुगतान कराया जाए। रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती कर विभागीय कार्यों का समुचित संचालन सुनिश्चित कराया जाए।
धरना-प्रदर्शन के दौरान एन.के. जैन, शीराज अहमद, उमा चरण, शैलेंद्र सिंह, सनी कुमार समेत तमाम कर्मचारी और पेंशनभोगी उपस्थित रहे।
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