बांदा : चार करोड़ से अधिक के घोटाले के आरोपी दो सगे भाई गिरफ्तार

एसआइबी ने गबन के मामले में पूर्व सचिव व बर्खास्त लिपिक को दबोचा

वर्ष 2015-16 के ऑडिट में सामने आया था करोड़ों का घोटाला, जांच पूरी

भास्कर न्यूज

बांदा। दि टीचर्स सोसाइटी मंे सात साल पहले हुए घोटाले की जांच पूरी हुई तो स्पेशल इन्वेस्टीगेशन ब्रांच क्रिमनल डिपार्टमेंट सहकारिता की टीम ने पूर्व सचिव व उसके बर्खास्त लिपिक भाई को दबोच लिया है। बताया गया है कि दोनों भाइयों के खिलाफ दि डिस्ट्रिक टीचर्स बोर्ड सोसाइटी में अलग-अलग जिलों में तैनाती के दौरान चार करोड़ 22 लाख 64 हजार से ज्यादा के गबन का आरोप लगा था। जिसकी जांच में एसआइबी ने दोनों को दोषी पाते हुए शहर के आवास विकास मोहल्ले से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को सीजेएम न्यायालय में पेश किया गया है।

शहर के मोहल्ला आवास विकास कालोनी ए-223 निवासी रामप्रताप वर्ष 2015 में दि डिस्ट्रिक टीचर्स बोर्ड सोसाइटी बांदा-चित्रकूट में सचिव और उसका भाई इंदिरा नगर निवासी विनोद सविता चित्रकूट के मऊ में लिपिक और प्रभारी के पद पर तैनात थे। जिसमें प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बिसंडा भारत भूषण ने दोनों भाइयों के खिलाफ 15 जून वर्ष 2015 में अतर्रा थाने में करोड़ों के गबन का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि रामप्रताप सविता ने सचिव रहते हुए चार करोड़ दस लाख बत्तीस हजार आठ सौ बावन रुपये की हेराफेरी की है। जबकि उसके छोटे भाई विनोद ने मऊ में प्रभारी के रूप में 12 लाख 31 हजार 773 रुपये की गबन किया है।

अतर्रा थाने से मामले की जांच एसआइबी को सौंप दी गई और जांच का काम शुरू हो गया। एसआईबी की टीम ने कई बार विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए और आरोपियों को भी कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था। मामले की जांच पूरी करते हुए चार जनवरी 2022 को दोनों भाइयों पर गबन के आरोप में दोषी सिद्ध किया। एसआइबी के सीओ अबरार अहमद की अगुवाई में टीम ने जांच की थी। दोष सिद्ध होने के बाद से एसआइबी की टीम काफी दिनों से उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही थी। टीम सर्विलांस व मुखबिरों के जरिये दोनों आरोपियों का सुराग लगा रही थी। सर्विलांस और मुखबिरों की सूचना के आधार पर शनिवार को सीओ अबरार अहमद की अगुवाई में हेड कांस्टेबल सुरजीत सिंह, कांस्टेबल संदीप सागर व संजय सिंह यहां पहुंचे और अतर्रा थाना पुलिस के एसआई प्रदीप कुमार व हेड कांस्टेबल हरिश्चंद्र के सहयोग से रेलवे स्टेशन के पास से दोनों भाईयों को दबोच लिया। पुलिस ने गिरफ्तार दोनों भाइयों को न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें