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बांदा। जिले की नई जिलाधिकारी दीपा रंजन ने कार्यभार ग्रहण करते ही अपने सख्त तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। डीएम की तेज तर्रार कार्यशैली से अफसरों में हड़कंप मच गया है। मंगलवार को कार्यभार ग्रहण करने के बाद जहां डीएम ने सभी अफसरों के साथ बैठक करके विकास योजनाओं की समीक्षा की, वहीं बुधवार की सुबह डीएम का काफिला अचानक जिला अस्पताल पहुंच गया। सबसे पहले जिलाधिकारी उपस्थिति और स्टाफ रजिस्टर को अपने कब्जे में ले लिया। चिकित्सकों के चेंबरों में पहुंचकर जिलाधिकारी ने पूछताछ की।
डीएम ने पहले ही दिन दिखाए सख्त तेवर, अफसरों में हड़कंप
कई चिकित्सक गायब मिले। दो चिकित्सकों ने मरीजों को बाहर की दवाएं लिखी तो डीएम ने दोनों चिकित्सकों का स्पष्टीकरण तलब करने निर्देश दिए हैं। डीएम श्रीमती रंजन ने बाहर से दवाएं लिखने पर पूरी तरह से राेक लगाने की हिदायत दी। कहा कि बाहर से दवाएं लिखने की शिकायत मिली तो चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने डेंगू से बचाव और उपचार के लिए समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिए।
बुधवार की सुबह जिलाधिकारी दीपा रंजन ने जिला अस्पताल में धावा बोल दिया और अस्पताल की गतिविधियों का बारीकी से निरीक्षण किया। अस्पताल में अचानक डीएम के पहुंचने से चिकित्सकों में हड़कंप मच गया। बहरहाल डीएम ने पहले दिन सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया, लेकिन आगे से किसी भी प्रकार की कमी मिलने पर सख्त कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने ओपीडी, शिशु एवं बाल रोग विभाग, ईएनटी, डेंगू वार्ड, इमरजेन्सी वार्ड तथा महिला वार्ड एवं सिटी स्कैन कक्ष आदि का गहनता से निरीक्षण किया।
उन्होंने चिकित्सकों के कक्ष के बाहर उपचार के लिए खड़े मरीजों से व्यक्तिगत तौर पर वार्ता की और उनकी समस्याएं सुनीं। एक मरीज ने उनसे बाहर से दवाएं लिखने की शिकायत दर्ज कराई तो डीएम का पारा चढ़ गया। दो चिकित्सकों के बाहर से दवाएं लिखने की पुष्टि होने पर उन्होंने दोनों का स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए। डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी डाक्टर ने बाहर से दवाएं मंगवाई तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। कहा कि डेंगू पीड़ित मरीजों के उपचार और बचाव के लिए समुचित प्रबंध कराए जाने चाहिए।
साथ ही उन्होंने मरीजों के तीमारदारों को भी डेंगू से बचाव के लिए नसीहत दी। उन्होंने चिकित्सकों की समय से शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने, सीटी स्कैन कक्ष के बाहर निशुल्क का बोर्ड लगवाने, मरीजों और तीमारदारों को अस्पताल से आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने समेत तमाम दिशा निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने ब्लड बैंक और एनआरसी का भी निरीक्षण किया और वास्तविक हकीकत परखी। इस मौके पर सीएमएस डा.एसएन मिश्रा, डा.एसडी त्रिपाठी, डा.आरके गुप्ता, डा.विनीत सचान समेत सभी चिकित्सक व कर्मचारी मौजूद रहे।
आपसी सहयोग और सुझावों से मिलेगी जिले के विकास को नई दिशा : डीएम
जिलाधिकारी दीपा रंजन ने बुधवार को अपनी पहली पत्रकार वार्ता के दौरान सबसे पहले परिचय की औपचारिकता पूरी की और फिर सभी से परस्पर सहयोग और सुझाव आमंत्रित किए। कहा कि मीडिया के सुझावों से जिले के विकास को नई दिशा दी जा सकेगी। उन्होंने जनपद को विकास की राह पर तेजी से ले जाने के संकेत दिए। कहा कि स्वच्छ व सुंदर बनाना है। पत्रकारों ने डीएम के सामने जल जीवन मिशन की खामियां, गोशालाओं में प्रधान व सचिवों से लेकर बीडीओ और पशु चिकित्साधिकारियों के फर्जीवाड़े समेत तमाम प्रमुख समस्याओं को रखा और उनके निस्तारण की बात कही।
डीएम ने कहा कि सभी समस्याओं को वह प्राथमिकता के आधार निस्तारण कराएंगी और आगे भी ऐसे सुझावों पर चर्चा करती रहेंगी। कहा कि वह सभी अफसरों को निर्देश दे चुकी हैं कि वह किसी समस्याओं को टरकाने का प्रयास न करें और पीड़ित को वास्तविक लाभ दिलाने का काम करें। कहा कि वह हर समस्याओं के निस्तारण को लेकर क्रास चेकिंग कराएंगी, साथ ही अधिकारियों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाकर समस्याओं की नियमित समीक्षा करती रहेंगी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों को कार्यस्थल पर ही रहने के निर्देश दिए। कहा कि गांवों के पंचायत भवनों को सक्रिय करके गांव में सभी समस्याओं का निस्तारण कराया जाएगा। इस दौरान जिला सूचना अधिकारी रामजी दुबे व सहायक जिला सूचना अधिकारी शारदा निषाद आदि मौजूद रहीं।