बांदा : तालाब में डूबे तीन किशोर, दो की मौत

– तालाब में नहाते समय हुई घटना, परिवारों में मातम
– जलशक्ति राज्यमंत्री और जिलाधिकारी अस्पताल पहुंचे

बांदा। मवेशियों को लेकर तालाब नहाने गए तीन किशोर गहरे पानी में समा गए। इसमें एक किशोर को तो पानी से बाहर निकाल लिया गया। जबकि दो किशोरों की पानी में डूब जाने से मौत हो गई। कई घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनो को पानी से बाहर निकाल लिया गया। सूचना पाकर जलशक्ति राज्यमंत्री और जिलाधिकारी भी जिला अस्पताल पहुंच गए। राज्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार.चार लाख रुपए अहेतुक सहायता दिए जाने की घोषणा की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

देहात कोतवाली क्षेत्र के बिरंची सिंह का पुरवा निवासी मुन्नू उर्फ अमर सिंह (14) पुत्र फक्कू अपने साथी धीरू (12) पुत्र बिंदा प्रसाद, नीरज (14) के साथ रविवार की दोपहर मवेशी चराने गए थे। तीनो लोग नजदीक स्थित अजीत सिंह के खेत में खोदे गए तालाब में मवेशियों को पानी पिलाने गए थे। पानी पिलाने के बाद तीनो किशोर तालाब में नहाने लगे। जिसमें अमर गहरे पानी में डूबने लगा। अमर को डूबता देख धीरू और नीरज उसे बचाने पहुंचे तो वह लोग भी पानी में डूबने लगे। आसपास मौजूद लोगों ने नीरज को तो किसी तरह बाहर निकाल लिया। लेकिन मुन्नू और धीरू गहरे पानी में समा गए। खबर पाकर गांव के तमाम लोग मौके पर पहुंच गए। लगभग 20 लोगों ने तालाब में कूदकर दोनो की खोजबीन शुरू की। लेकिन उनको खोज नहीं पाए। भूरागढ़ से गोताखोरों को बुलाया गया। मौके पर पहुंचे गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनो को पानी से बाहर निकाला। परिजनों ने सांस चलने की आशंका जताई। पुलिस दोनो को लेकर जिला अस्पताल आई। वहां चिकित्सकों ने धीरू और मुन्नू को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। घरवालों का आरोप था कि पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया। पुलिस जबरन दोनो किशोरों के शवों को मर्च्युरी हाउस पहुंचा रही थीए इस बीच परिजनों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। अस्पताल पहुंचे जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने परिजनों से पूछतांछ की। पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने मृतक परिवारों को चार.चार लाख रुपए दिलाए जाने की घोषणा की है। राज्यमंत्री ने खोदी गई मिट्टी की जांच कराए जाने की बात कही है।
माता.पिता का सहारा था मुन्नू
बांदा। बेटे का शव देखकर मृतक मुन्नू की मां सुनीता का रो.रोकर बुरा हाल हो गया। बताया कि उसका पिता वृद्ध है। मुन्नू मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था। वह कक्षा सात में पढ़ता भी था। मृतक दो भाइयों में सबसे बड़ा था। मां सुनीता ने बताया कि दो दिन से तालाब जा रहे थे। अचानक बेटे की डूबकर मौत हो जाने से उसका सहारा छिन गया है। मां का कहना था कि मुन्नू ही जीविका चलाने वाला था। उसी के बलबूते घर का चूल्हा जलता था।

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