
बांदा : बार-बार केन और यमुना नदियों का बढ़ता जलस्तर प्रशासन के साथ ही निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की धड़कनें बढ़ा रहा है। जुलाई माह में कुछ दिनों के अंतराल में चार बार नदियों का जलस्तर बढ़कर बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर चुका है। हालांकि अभी तक बाढ़ से जिले में किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे नदियों के जलस्तर में इजाफा होता है, लोगों की परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं।
बुधवार को एक बार फिर जनपद से बहने वाली नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी शुरू हो गई है। हालांकि प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारियां कर रखी हैं और लोगों को बाढ़ के प्रभाव से बचाने की कवायद तेज कर दी है।
पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से निकलने वाली जीवनदायिनी केन नदी बारिश के मौसम में जिले के लोगों के लिए डरावना माहौल लेकर आती है। गर्मी के मौसम में छोटे नाले में तब्दील हो जाने वाली केन अब उफान मार रही है। बुधवार की सुबह से एक बार फिर केन के जलस्तर में इजाफा देखने को मिला।
सरकारी आंकड़ों की मानें तो बुधवार दोपहर करीब 12 बजे केन नदी का वाटर गेज 97.19 और यमुना नदी का स्तर 97.41 मीटर रहा। वहीं दोपहर दो बजे केन नदी 97.35 और यमुना नदी 97.45 मीटर पर पहुंच गई। शाम चार बजे तक केन का जलस्तर 97.55 और यमुना का गेज 97.51 मीटर पर पहुंच गया।
बता दें कि केन नदी में खतरे का निशान 104 मीटर और यमुना का 100 मीटर पर स्थित है। बताया गया है कि मध्य प्रदेश में केन नदी पर बने बरियारपुर बियर से करीब 1,37,555 क्यूसेक पानी प्रति घंटे के हिसाब से डिस्चार्ज हो रहा है, जो जिले के निवासियों के लिए खतरे की घंटी है। उधर यमुना नदी में दिल्ली के रास्ते बाढ़ का पानी यहां पहुंच रहा है और जिले के लोगों को बाढ़ की विभीषिका में धकेलने का काम कर रहा है। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी बाढ़ के हालातों पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं और संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने का दावा कर रहे हैं।
निचले इलाकों के लोगों को सचेत रहने की चेतावनी
केन और यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों पर प्रतिवर्ष बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है। वहीं जिला प्रशासन भी बाढ़ के खतरे को देखते हुए गांवों का भ्रमण कर लोगों को सचेत रहने की चेतावनी दे रहा है।
जिलाधिकारी जे. रीभा ने बाढ़ संभावित इलाकों के लेखपालों व सचिवों को गांव में निवास करने और ग्रामीणों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के प्रयास करने की हिदायत दी है। मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अभी कुछ दिनों तक मप्र समेत जिले के कई इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। ऐसे में बाढ़ के खतरों से बचने के लिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
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