बांदा : थमने का नाम नहीं ले रहीं बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें, आफत में फंसी लोगों की जान

बांदा: भले ही केन और यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मुश्किलों में कोई कमी आती नहीं दिख रही है। जहां एक ओर प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत के तमाम दावे किए जा रहे हैं, वहीं बाढ़ पीड़ितों की जुबानी उन्हें कोई भी राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है।

ऐसे में बाढ़ पीड़ितों ने अपने घरों को छोड़कर सड़कों के किनारे पॉलीथिन और तंबू लगाकर डेरा डाल रखा है। हालांकि बाढ़ उतरने के साथ ही अब क्षेत्रीय नेताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग बाढ़ पीड़ितों की सुध ले रहे हैं और उनके हालचाल जानने के लिए पहुंच रहे हैं।

उधर, केन और यमुना नदियों का जलस्तर काफी धीमी गति से कम हो रहा है, जिससे अभी तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त पानी भरा हुआ है और गांवों का संपर्क कटा हुआ है।

अपना रौद्र रूप दिखाने के बाद केन और यमुना भले ही वापसी का रुख कर चुकी हैं, लेकिन नदियों के आसपास व निचले इलाकों में बसे गांव अभी भी बाढ़ की आगोश में सिमटे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों ने अपने गांवों से पलायन कर ऊंचाई वाले इलाकों में ठिकाना बना लिया है। अधिकतर लोगों ने बांदा-कानपुर हाईवे पर महिलाओं, बच्चों और पशुओं के साथ डेरा डाल रखा है।

बारिश से बचने के लिए लोगों ने पॉलीथिन का शेल्टर बना रखा है। बाढ़ प्रभावित लोग बीते 3–4 दिनों से बारिश थमने के इंतजार में सड़क पर बसेरा डाले हुए हैं और प्रशासन से कोई मदद न मिलने की शिकायत कर रहे हैं।

बता दें कि बांदा के पैलानी, जसपुरा व चिल्ला थाना क्षेत्र से गुजरी केन व यमुना नदियां उफान पर हैं। लगभग दो दर्जन से अधिक गांव और आधा सैकड़ा मजरे बाढ़ में घिर गए हैं। यहां के लोगों ने घर छोड़कर ऊंचाई वाले इलाकों में अपना बसेरा बना लिया है। बांदा-कानपुर हाईवे के किनारे चिल्ला क्षेत्र के तारा गांव, बजरंगी डेरा समेत कई गांवों के सैकड़ों परिवार डेरा डाले हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और मवेशी भी शामिल हैं। सड़क किनारे डेरा बनाए लोगों का कहना है कि बाढ़ से सब कुछ चौपट हो चुका है। गांवों से निकलकर किसी तरह यहां पहुंचे हैं।

खुद से शेल्टर और खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं। कुछ समाजसेवी व गांव के लोग खाना-पानी की मदद पहुंचा रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है। अंधेरे में मवेशियों और छोटे बच्चों को संभालना मुश्किल हो रहा है।

उधर, जिलाधिकारी जे. रीभा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। लोगों की मदद के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे जलशक्ति राज्यमंत्री

तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद अपने समर्थकों के साथ जुटे हुए हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ सोमवार को चिल्ला, लौमर, पैलानी डेरा, शंकरपुरवा, पड़ोहरा आदि गांवों का भ्रमण किया। राज्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया। वहीं, पैलानी तहसील में पहुंचकर अफसरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि बाढ़ चौकी के माध्यम से बाढ़ की स्थितियों की सतत निगरानी की जाए और ग्राम प्रधानों से समन्वय स्थापित कर लोगों को समुचित राहत उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में सूखा राशन व मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने की हिदायत दी।

इस मौके पर भाजपा नेता सुरेश तिवारी, सुल्ली महाराज, हिमांशु सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे। वहीं, अखिल भारतीय प्रजापति कुम्हार महासभा फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल प्रजापति ने अपने साथियों के साथ चिल्ला, तारा, लौमर, खजुरी आदि गांवों में पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों को लंच पैकेट उपलब्ध कराए और उनका हालचाल जाना।

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