Banda : अनिवार्य टीईटी के विरोध में शिक्षकों ने काले कपड़े पहनकर मनाया काला दिवस

Banda : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी की अगुवाई में शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट के अनिवार्य टीईटी फैसले का विरोध किया। शिक्षकों ने काले कपड़े पहनकर कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और काला दिवस मनाकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला को सौंपा। ज्ञापन में शिक्षकों ने सेवा शर्तों में गैरजरूरी बदलाव करने और शिक्षक भर्ती नियमों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया तथा सरकार से अदालत में शिक्षकों का पक्ष रखने की मांग की। शिक्षकों ने सड़कों से लेकर अदालत तक संघर्ष करने का ऐलान भी किया।

मंगलवार को हाथों में काली तख्तियां और काले कपड़े पहने हजारों शिक्षकों ने जीआईसी मैदान से कलेक्ट्रेट परिसर तक जुलूस निकाला और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने देश के प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया कि भारत सरकार ने शिक्षकों की सेवा शर्तों में गैरजरूरी बदलाव किए हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती नियमों की अनदेखी की है। इससे शिक्षकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। शिक्षकों का कहना है कि जुलाई 2011 तक नियुक्त सभी शिक्षक सभी मानकों को पूरा करके नियुक्त हुए थे। शिक्षक बनने के लिए योग्यता मापदंड हाईस्कूल और बीटीसी से शुरू होकर इंटर-बीटीसी, स्नातक-बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी (बीएड), टीईटी और सुपर टीईटी तक निर्धारित थे। समय के साथ बदले गए मानकों को पूरा करते हुए शिक्षकों की भर्ती की गई। ऐसे में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के साथ बीटीसी करने वाले शिक्षक टीईटी के लिए अयोग्य साबित हो जाएंगे क्योंकि टीईटी परीक्षा देने के लिए स्नातक होना अनिवार्य है।

शिक्षकों ने कहा कि उन्हें सेवा शर्तों से छेड़छाड़ कतई मंजूर नहीं है। विभागीय निर्देशों के अनुसार 25 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को पदोन्नति या सेवा जारी रखने के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है। शिक्षक संघ ने शिक्षक हितों की अनदेखी न किए जाने और सेवा नियमावली में छेड़छाड़ न करने की मांग की। संघ ने चेतावनी दी कि शिक्षक अपने हितों के लिए दिल्ली-लखनऊ कूच करने से भी नहीं हिचकेंगे और प्राथमिक शिक्षक संघ सड़कों से लेकर न्यायालय तक हर स्तर पर संघर्ष करेगा।

प्रदर्शन में जिला मंत्री प्रजीत सिंह, रमाशंकर यादव, रामसुफल कश्यप, जयकिशोर दीक्षित, अंजना अवस्थी सहित जनपदीय पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष, मंत्री, संघर्ष समिति के अध्यक्ष और हजारों शिक्षक व शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन देते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के मांडलिक मंत्री मिथलेश पांडेय भी अपने कई पदाधिकारियों के साथ मौजूद रहे।

मंडल के दो शिक्षकों ने की आत्महत्या
शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट के 1 सितंबर के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि विभिन्न माध्यमों में इस फैसले की खबरों से आहत होकर चित्रकूटधाम मंडल के हमीरपुर और महोबा जिले के एक-एक शिक्षक ने आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। शिक्षकों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है, जिसमें कहा गया कि 25 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी पास न करने पर सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। शिक्षक संघ ने ऐसी स्थितियों को स्पष्ट करने और सेवा नियमावली में छेड़छाड़ न करने की मांग की।

ये भी पढ़ें: Kasganj : संदिग्ध हालात में मिला चालक का शव, परिवार बोला– हत्या कर फेंका गया

Sitapur : तंबौर में कुदरत का प्रकोप, बारिश से जलमग्न हुआ अस्पताल व सड़कें

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें