
- सांसद ने शिक्षकों को दिया सरकार तक बात पहुंचाने का आश्वासन
- शिक्षकों ने बुलंद की टीईटी अनिवार्यता से मुक्ति दिलाने की मांग
Banda : चित्रकूट व बांदा प्राथमिक शिक्षक संघ पदाधिकारियों व शिक्षकों ने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को सेवारत शिक्षकों के लिए अनिवार्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध जताया। संघ पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सांसद को सौंपकर इसे लाखों शिक्षकों की नौकरी और आजीविका पर खतरा बताया। टीईटी अनिवार्यता से राहत दिलाने को शिक्षकों का पक्ष संसद में रखने की मांग की। सांसद ने शिक्षकों को सदन के माध्यम से सरकार तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया।
प्राथमिक शिक्षक संघ बांदा जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी और चित्रकूट जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय की संयुक्त अगुवाई में रविवार को पदाधिकारियों व शिक्षकों ने सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध जताया। बड़ी संख्या में शिक्षकों ने सांसद कृष्णा देवी से मुलाकात करते हुए ज्ञापन सौंपा। मांग की है वह संसद में उनके मुद्दे को उठाएं। शिक्षकों ने सांसद को बताया कि भारत का शासनादेश द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्रभावी किया गया। इस अधिनियम की धारा 23 के अंतर्गत अधिनियम के प्रभाव में आने की तिथि तथा उसके बाद नियुक्त शिक्षकों की भर्ती के लिए न्यूनतम अहर्ताएं निर्धारित की गई हैं, जिनको पूरा करते हुए शिक्षक का पद ग्रहण किया।
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा शिक्षकों को सेवा में बने रहने अथवा पदोन्नति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता टीईटी दो वर्ष में उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया। ऐसा न होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी जो कि न्यायोचित नहीं है। ज्ञापन में प्रधानमंत्री से भी अनुरोध किया गया कि 27 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवारत रहने अथवा पदोन्नति के लिए टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए। टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के बैनर तले अंतिम परिणाम मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। सांसद ने शिक्षकों को सदन के माध्यम से प्रधानमंत्री तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन देने वालों में चित्रकूट पूर्व जिलाध्यक्ष शिवरतन सिंह चौहान, जिला मंत्री प्रजीत सिंह, जिला मंत्री चित्रकूट श्रीनारायण सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमाशंकर यादव सहित बांदा और चित्रकूट के सभी ब्लाक अध्यक्ष, मंत्री, संघर्ष समिति अध्यक्ष मंत्री, जनपदीय पदाधिकारी, ब्लॉक स्तरीय, तहसील स्तरीय पदाधिकारी सहित मातृ शक्ति भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम व्यवस्था का नेतृत्व बबेरू और कमासिन ब्लाक पदाधिकारियों ने किया।










