
बांदा: गौ सेवा आयोग अध्यक्ष ने कलक्ट्रेट में आयोजित जिला स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समिति की बैठक में कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गौवंश संरक्षण के लिए जिले को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। गौशालाओं में सीसीटीवी लगाकर कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। गौ आधारित प्राकृतिक खेती लाभकारी साबित होगी, क्योंकि गौवंश के गोबर एवं मूत्र का खेती में उपयोग करने से निश्चित ही बेहतर पैदावार प्राप्त होगी।
कलक्ट्रेट स्थित महर्षि वामदेव सभागार में शुक्रवार को गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने जिला स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समिति के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गौवंश सहभागिता योजना के तहत प्रत्येक किसान और अन्य लोगों को एक गौवंश का संरक्षण करने पर प्रतिमाह 1500 रुपये की धनराशि दी जाएगी। मनरेगा से कैटेल यूनिट शेड बनाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने गौशाला संचालकों से कहा कि वह गौवंशों के लिए एक-एकड़ भूमि में हरे चारे का उत्पादन करें। सभी बीडीओ और नगर पालिका एवं नगर पंचायत अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि कोई भी गौवंश सड़कों पर विचरण न कर सके।
नरैनी विधायक ओममणि वर्मा ने मुख्यमंत्री गौ-सहभागिता योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने और निराश्रित गौवंश छोड़ने वाले लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई किए जाने का सुझाव दिया। एमएलसी जितेंद्र सिंह सेंगर ने सभी गौवंशों का ईयर जियो टैगिंग कराने और सही मॉनीटरिंग कर संरक्षण सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।
डीएम जे. रीभा ने बताया कि सभी गौवंशों को शीघ्र ही गौशालाओं में संरक्षित किया जाएगा तथा ईयर टैगिंग के साथ उनका एक रजिस्टर तैयार किया जाएगा। गौवंशों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं गौशालाओं में कर उन्हें संरक्षित किया जाएगा।
इस मौके पर गौ सेवा आयोग सदस्य राजेश सिंह, बबेरू नगर पंचायत अध्यक्ष विवेकानंद गुप्ता, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष वंदना गुप्ता, सीडीओ अजय कुमार पांडेय, एडीएम (न्यायिक) माया शंकर, अपर एसपी शिवराज सहित जिला स्तरीय अधिकारी और गौपालक तथा पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।
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