जुमे की नमाज को लेकर हाई एलर्ट, डीएम, एसपी ने की धर्मगुरुओं संग बैठक
फ्लैग मार्च कर दिलाया सुरक्षा का भरोसा, कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील
भास्कर न्यूज
बांदा। प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले दो शुक्रवार की जुमे की नमाज में हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए जिले में हाई एलर्ट घोषित कर दिया गया है। प्रशासन ने जुमे की नमाज पर चप्पे चप्पे में सुरक्षाबलों को तैनात करने का निर्णय लिया है। साथ ही नमाज के दौरान ड्रोन से निगरानी की जाएगी। बुधवार की रात से ही जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीएम, एसपी ने भारी पुलिस बल के साथ शहर में फ्लैग मार्च निकाला और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाय। वहीं शहर कोतवाली में धर्मगुरुओं के साथ बैठक करके शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। कहा है कि शांतिप्रिय लोगों को छेड़ा नहीं जाएगा, लेकिन अराजकता फैलाने को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
जिलाधिकारी अनुराग पटेल और पुलिस अधीक्षक अभिनंदन की अगुवाई में शहर कोतवाली परिसर में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं की बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम, एसपी ने धर्मगुरुओं को स्पष्ट हिदायत देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि भराेसा दिलाया कि शांति प्रिय लाेगों के साथ पुलिस नरमी से पेश आएगी, लेकिन अराजकता फैलाने की कोशिश भारी पड़ सकती है। बैठक में लोगों से एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने और मिलजुल कर शांति व्यवस्था बनाए रखने कि अपील की गई। साथ ही सभी को आश्वस्त कराया गया कि पुलिस प्रशासन अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से करेगा और शांति व्यवस्था को लेकर कोई कोताही नही बरती जायेगी, कानून व्यवस्था हर हाल में कायम रखी जायेगी। अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जायेगा। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर पुलिस को सूचित करें।
बैठक के बाद डीएम, एसपी भारी पुलिस बल के साथ शहर के मुख्य बाजारों और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में निकले और लाेगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। सीओ सिटी राकेश सिंह ने बताया कि जुमे की नमाज को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। किसी तरह की गड़बड़ी से निपटने के लिए पूरे इलाके को 10 सेक्टरों में बांटकर सेक्टर मजिस्ट्रेटों तैनाती की जाएगी। साथ ही मिश्रित आबादी वाले इलाकों में अतिरिक्त पुलिस व पीएसी बल तैनात किए जाएंगे। मस्जिदों के आसपास की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति के दौरान अराजकतत्वों की पहचान और कार्रवाई की जा सके।