बांदा : ऑनलाइन बेटिंग व साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

बांदा : ऑनलाइन बेटिंग व साइबर ठगी के जरिए लोगों को लूट का शिकार बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। साइबर क्राइम पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, जो गिरोह के एजेंट के रूप में काम करते हुए स्थानीय लोगों को अपने जाल में फंसाते थे और उन्हें साइबर क्राइम का शिकार बनाते थे। साइबर क्रिमिनल्स के प्रलोभन और लालच में फंसकर अक्सर भोले-भाले लोग शिकार बन जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं।

बता दें कि गिरोह का सरगना स्थानीय स्तर पर युवाओं को बहला-फुसलाकर एजेंट बनाता है और उन्हें साइबर ठगी के काम में लगा देता है। हालांकि पुलिस को अभी गिरोह के सरगना की तलाश है। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से कई बैंकों की पासबुक समेत चांदी के जेवरात, तीन मोबाइल फोन और एक चार पहिया वाहन बरामद किया है।

केंद्र की मोदी सरकार जहां ऑनलाइन गेमिंग व साइबर क्राइम को रोकने के लिए कानून लाने पर काम कर रही है, वहीं देश में साइबर क्राइम का शिकार होकर लाखों लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। देखना होगा कि केंद्र सरकार का कानून साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर कितना असर डालता है।

ताजा मामले में बांदा की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए साइबर क्राइम गिरोह का पर्दाफाश किया है और गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल के निर्देशन पर चल रहे साइबर कंट्रोल अभियान के तहत पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर दर्ज मुकदमे की पड़ताल की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।

जानकारी के मुताबिक चित्रकूट के राघवपुरी में रहने वाला राजकुमार लोगों को 10 से 15 हजार रुपए का लालच देकर उनकी बैंक डिटेल आदि हथिया लेता था और उनके खातों से रुपए साफ कर देता था। पता चला कि राजकुमार एक अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ा है और क्षेत्रीय स्तर पर रायपुर छत्तीसगढ़ निवासी आकाश उर्फ रजनीश द्विवेदी पुत्र रामबाबू द्विवेदी के अधीन काम करता है। गिरोह में बांदा, चित्रकूट समेत मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के जिलों के तमाम युवक एजेंट के रूप में काम करते हैं और लोगों को लालच देकर फंसाते हैं।

पुलिस ने अतर्रा राइस मिल के पास दीपक कुमार पुत्र लालमन कोरी निवासी चित्रा गोकुलपुर चित्रकूट, कृष्ण कुमार कुशवाहा पुत्र सुरेश कुमार कुशवाहा निवासी संग्रामपुर चित्रकूट और राजकुमार सोनकर पुत्र मिट्ठी लाल निवासी राघवपुरी सीतापुर चित्रकूट को दबोच लिया। तीनों आरोपियों के कब्जे से 16 अदद चांदी की चूड़ियां, कई बैंकों की चेकबुक व पासबुक, तीन मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों समेत एक चार पहिया वाहन भी बरामद किया गया। तीनों को पूछताछ के बाद सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। जबकि गिरोह के क्षेत्रीय सरगना आकाश की तलाश की जा रही है।

गोवा से संचालित होता साइबर ठगी का कारोबार

साइबर ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़कर पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने अपने क्षेत्रीय सरगना आकाश उर्फ रजनीश निवासी छत्तीसगढ़ का नाम बताया और पूरे रैकेट का संचालन गोवा से किए जाने की बात स्वीकार की।

बताया गया कि आकाश उर्फ रजनीश अक्सर गोवा आता-जाता है और वहां से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार यहां काम करता है। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि आकाश बांदा-चित्रकूट समेत मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में अपने एजेंट तैयार करता है और लोगों को जाल में फंसाने के नए-नए तरीके बताता है। रैकेट के एजेंट भोले-भाले लोगों को रुपयों का लालच देकर उनसे बैंक डिटेल समेत अन्य जानकारियां हासिल कर लेते हैं और उनके खातों से रुपए गायब कर देते हैं।

खुलासा करने वाली टीम में निरीक्षक विजय सिंह, उपनिरीक्षक आकाश शुक्ला और कांस्टेबल हिमांशु वर्मा व ललित कुमार शामिल रहे।

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