दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। मुख्यालय के समीप हमीरपुर जनपद की सीमा में पड़ने वाली अछराैंड बालू खदान इन दिनों वैध-अवैध खनन का अड्डा बन चुकी है। प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद यहां अवैध खनन और ओवरलोडिंग का खेल खुलेआम खेला जा रहा है और सरकारी राजस्व के साथ जलीय जीव जंतुओं को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अछरौंड में अवैध खनन को लेकर दैनिक भास्कर में प्रकाशित समाचारों पर उस समय मुहर लग गई, जब पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने खदान पर पहुंच कर जांच की और अवैध खनन के साथ ही अवैध परिवहन होना भी पाया। इसके संबंध में खदान के पट्टाधारक का स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है। हालांकि अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खेल में खनिज विभाग की मिलीभगत भी किसी से छिपी नहीं है। खनिज विभाग की शह पर ही बालू माफिया बुलंद हौसलों के साथ अवैध खनन और ओवरलोडिंग का बेखौफ होकर खेल रहे हैं और नदियों का सीना छलनी से बाज नहीं आ रहे हैं।
जांच के दौरान मौके पर मिला करीब छह हजार घनमीटर अवैध खनन
मटौंध थाना क्षेत्र की अछरौंड बालू खदान में अवैध खनन व ओवरलोडिंग को लेकर दैनिक भास्कर में लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद आखिरकार प्रशासन की कुंभकर्णी नींद खुल गई और पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने खदान में छापा मार दिया। एसडीएम सदर, क्षेत्रीय लेखपाल, क्षेत्राधिकारी नगर, नायब तहसीलदार और खान निरीक्षक की संयुक्त टीम ने काफी जद्दोजहद के बाद सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि अछरौंड खदान के पट्टाधारक मे.त्रिपाठी कांट्रैक्टर के प्रो.आनंद कुमार त्रिपाठी पुत्र देवी प्रसाद त्रिपाठी निवासी इलाहाबाद रोड, शोभा सिंह का पुरवा कर्वी चित्रकूट को गाटा संख्या 1130 के खंड संख्या 01 में रकबा 10.70 हेक्टेयर भूक्षेत्र में बालू खनन का पट्टा स्वीकृत किया गया है।
दैनिक भास्कर की खबर पर जांच टीम की लगी मुहर, स्पष्टीकरण तलब
लेकिन जांच के दौरान टीम को स्वीकृत क्षेत्र के बाहर 5781.5 घन मीटर बालू का अवैध खनन और परिवहन किया जाना पाया गया। जांच रिपोर्ट पर जिलाधिकारी की मुहर लगने के बाद पट्टाधारक आनंद त्रिपाठी को नोटिस जारी किया गया है और अवैध खनन व परिवहन से हुई राजस्व क्षति का आकलन करके 52 लाख 3 हजार 350 रुपए के सापेक्ष स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं। कुल मिलाकर जांच टीम की रिपोर्ट और कार्रवाई से बालू माफिया की सेहत पर भले ही कोई असर न पड़े, लेकिन बालू माफिया की करतूत को लेकर दैनिक भास्कर पर प्रकाशित खबरों पर सरकारी मुहर जरूर लग गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बालू माफिया के स्पष्टीकरण के बाद प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई की जाती है।
सत्ता के मद में चूर बालू माफिया
अछरौंड खदान में जांच और कार्रवाई के बाद भी बालू माफिया सत्ता की हनक और अपने रसूख के दम पर धड़ल्ले से अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खेल में मस्त है। शहर की लाइफ लाइन केन नदी की जलधारा में भारी भरकम मशीनें गरज रही हैं और ट्रैक्टर निकालने के लिए नदी की जलधारा में अवैध पुल तक बना डाला है। हालांकि प्रशासन की टीम को अवैध पुल दिखाई नहीं दिया या फिर जांच टीम ने पुल को देखने की जहमत ही नहीं उठाई। बालू माफिया की हनक और कमाई के मोटे हिस्से के आगे प्रशासन भी नतमस्तक नजर आता है और समाचार प्रकाशित होने पर छिटपुट कार्रवाई करके कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है। हालांकि खनिज अधिकारी अर्जुन कुमार ने बताया है कि बीते तीन दिनों में शहर के विभिन्न पुलिस चौकियों व थानों में 27 वाहन बालू का अवैध परिवहन करते पकड़े गए हैं, जिन्हें अलग अलग थाना चौकियों के सुपुर्द किया गया है।
लोहरा में फिर गरजने लगी भारी भरकम मशीनें
कमासिन के लोहरा में अवैध खनन को लेकर हो हल्ला शांत होने के बाद एक बार फिर से खनन का खेल शुरू हो गया है और खदान के दूसरे खंड में फिर से भारी भरकम मशीनें गरजने लगी हैं। हाल ही में जैन साहब के संचालन में चल रही लोहरा खदान के अवैध खनन का खामियाजा पड़ोसी जनपद चित्रकूट के गडोली घाट में किशोर की मौत से भुगतना पड़ा था, जिसके बाद अवैध खनन पर खूब हो हल्ला मचा और दोनों पक्षों की ओर से मुकदमेबाजी भी हुई। लेकिन मामला ठंडा पड़ते ही खनिज विभाग की मिलीभगत से खदान संचालक ने दूसरे खंड में बालू का खनन शुरू कर दिया है और धड़ल्ले से अवैध खनन को अंजाम दे रहा है। ग्रामीणों की मानें तो खदान संचालक को खुद को सत्ता का करीबी बताकर असलहों की दम पर अवैध खनन करा रहा है और दिन रात बागेन नदी की जलधारा को बाधित कर बालू की निकासी कर रहा है।