असंगठित मजदूर मोर्चा के हस्तक्षेप के बाद सुल्तानपुर एसडीएम ने दिलाई मुक्ति
सुल्तानपुर के ईंट भट्ठा में बांदा के 42 मजदूरों को बंधक बनाकर करा रहे थे काम
भास्कर न्यूज
बांदा। मजदूरों के हितो और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ काम कर रहे असंगठित मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दलसिंगार के हस्तक्षेप और एसडीएम सुल्तानपुर के प्रयासों से ईंट-भट्ठा में काम कर रहे बांदा जिले के करीब आधा सैकड़ा मजदूरों को मुक्ति दिलाई जा सकी और उन्हें सकुशल उनके घर पहुंचाया गया।
बताया गया है कि सुल्तानपुर जिले के लंभुआ तहसील के बैतीकलां गांव में संचालित राजदेव ईंट-भट्ठा में बांदा जिल के 42 मजदूर अपने बच्चों के साथ काम कर रहे थे। ईंट भट्ठा संचालक उनका जमकर शाेषण कर रहा था और मजदूरी व अन्य सुविधाओं की बात करने पर डराया धमकाया जा रहा था। संगठन के स्थानीय कार्यकर्ता सुरेश ने मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जनकारी दी। जिस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष दलसिंगार ने एक्शन एड संस्था के सहयोग से मजदूरों से बात की और उनकी समस्याओं से रूबरू हुए। बताया गया कि मजदूरों को कार्यस्थल पर न तो मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं और न ही मजदूरी की पूरी रकम ही दी जा रही है। वहीं मजदूरों के साथ नाबालिग बच्चों को भी जबरन काम पर लगाया जाता है। जानकारी हासिल करने के बाद संगठन के प्रमुख ने जिलाधिकारी सुल्तानपुर को पत्र लिखकर मजदूरों को मुक्त कराने की बात कही। जिस पर एसडीएम लंभुआ की मौजूदगी में ईट भट्ठा में काम कर रहे 42 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को मुक्ति प्रमाण पत्र देकर उन्हें मुक्त कराया गया।
बाल एवं बंधुआ मजदूरों में बबेरू के भुरानेपुरवा निवासी देवशरन, राजकुमारी, लक्ष्मी, सीता, सतवीर, फूल सिंह, नीलम, कोमल, माता प्रसाद, आशा, खुशी, दीपिका, अंशिका, कमलेश, गौरी, रवि, छोटू, पून गांव निवासी कामता प्रसाद, गुड़िया, शनि, शिवानी, शिवा, मातादीन, रामदेई, सुशील, सुनील, संदीप, ओमप्रकाश, गौरा, सविता, कविता, रेखा, संगीता, गोमती, बिलगांव निवासी बच्चा, मुन्नी, रोशनी, बुद्धबिलाश, थलैन निवासी इंद्रजीत वर्मा, पूनम, संजय, प्रीति आदि शामिल हैं। मोर्चा के अध्यक्ष दलसिंगार व एक्शन एड के इमरान अंसारी ने ईंट भट्ठा मालिक के खिलाफ सुंसगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।