
- भाकियू ने ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की उठाई मांग
- धान खरीद और खाद बिक्री केंद्रों में धांधली का बुलंद किया मुद्दा
Banda : भारतीय किसान यूनियन के जोनल अध्यक्ष बैजनाथ अवस्थी की अगुवाई में किसान नेताओं ने मंडलायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की आवाज बुलंद की। किसान नेताओं ने आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर धान खरीद और खाद बिक्री केंद्रों में व्याप्त धांधली पर अंकुश लगाने और गरीब किसानों के राशन कार्ड बनाकर उन्हें राहत उपलब्ध कराने के साथ विभिन्न मांगों को बुलंद किया। किसानों ने मंडलायुक्त को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर अपनी आवाज बुलंद की।
सोमवार को भाकियू के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए मंडलायुक्त को 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इसके पहले किसानों की मासिक बैठक में किसानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। ज्ञापन के माध्यम से किसान नेताओं ने मंडल के खरीद केंद्रों में किसानों को शोषण का शिकार बनाए जाने का मुद्दा उठाया। कहा कि खरीद केंद्रों के बाहर हफ्तों से किसान डेरा डाले हैं, लेकिन केंद्र प्रभारी माल का उठान न होने का बहाना बनाकर उन्हें टरका रहे हैं। कड़ाके की ठंड के बीच किसान अपना धान कम दाम में िमलर्स को बेंचने को मजबूर है। वहीं खाद बिक्री केंद्रों में यूरिया और डीएपी की एक-एक बोरी के लिए किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
वहीं सहकारी समितियों के सचिव खुलेआम ओवरवेटिंग करके किसानों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने अन्ना मवेशियों की धमाचौकड़ी से फसलों की बर्बादी रोकने, आपूर्ति विभाग में गरीबों के राशन कार्ड बनाने के नाम अवैध धन उगाही रोकने, नरैनी तहसील में स्थापित फायर ब्रिगेड को चालू कराने, शहर के जीआईसी छात्रावास को गरीब छात्रों के लिए चालू कराने, नदियों पर हो रहे अवैध खनन पर कड़ाई से अंकुश लगाने, खरीफ फसल बीमा का क्लेम किसानों को दिलाने, क्रेशरों में नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराने, झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को बांदा से अतर्रा तक दुरुस्त कराने, विकसित भारत संकल्प यात्रा में कृषि विभाग द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों को दंडित करने समेत विभिन्न मांगें बुलंद की हैं। इस मौके पर भाकियू के मंडल अध्यक्ष कमलनयन सिंह पटेल, जोनल सचिव विष्णु प्रसाद द्विवेदी, राजाबाई, प्राची सिंह टिकैत, सत्यराज सिंह, रामदास साहू, जयराम सिंह, कामता प्रजापति आदि किसान नेता शामिल रहे।










