दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। भारतीय किसान यूनियन नेताओं को प्रशासन द्वारा घरों में नजरबंद किए जाने पर किसानों में आक्रोश है। आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार किसानों की आवाज दबाने का हर संभव प्रयास कर रही है। किसानों के मूलभूत मुद्दों को सुनना भी नहीं चाहती। चेतावनी दी कि लोकसभा चुनाव में यूनियन मुंह तोड़ जवाब देगी।
शासन-प्रशासन पर लगाए आवाज दबाने के आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शनिवार को लखनऊ स्थित इको गार्डन में आयोजित होने वाली महापंचायत में जाने रोकने को किसान नेताओं को प्रशासन ने घर से नहीं निकलने दिया। संगठन से जुड़े किसान नेताओं को घरों में कैद कर दिया। भारतीय किसान यूनियन कानपुर-बुंदेलखंड जोनल अध्यक्ष बैजनाथ अवस्थी ने यूनियन नेताओं को नजरबंद किए जाने से किसानों ने नाराजगी जताई। कहा कि किसानों के साथ किसी भी तरह का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस किसान नेताओं को नजरबंद करने का ठोस कारण भी नहीं बता रही। शासन और प्रशासन की इस कार्रवाई से संगठन और किसानों में सरकार और पुलिस प्रशासन के प्रति भारी रोष है। जोनल अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार ने शीघ्र ही कोई ठोस जवाब नहीं दिया तो लोकसभा चुनाव में भाकियू प्रदेश में भाजपा बहिष्कार कर सबक सिखाएगी। प्रदेश सरकार किसानों की आवाज दबाने का हर संभव प्रयास कर रही है, किसानों के मूलभूत मुद्दों को सुनना भी नहीं चाहती। सरकार जितना आवाज दबाने का प्रयास करेगी किसान यूनियन उतनी ही आवाज बुलंद करेगा।