
- चित्रकूटधाम मंडल के चिकित्सीय इतिहास का पहला मामला
बांदा। रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज खुलने के बाद चित्रकूटधाम मंडल में चिकित्सकीय उपलब्धियां लगातार देखने को मिल रही हैं। इसी क्रम में मेडिकल कालेज में बतौर कान, नाक व गला विशेषज्ञ चिकित्सक ने सफल आपरेशन करते हुए आठ साल के बच्चे के फेफड़े में फंसी सीटी निकाल कर नया जीवनदान दिया। चिकित्सक ने चीरा लगाए बगैर सफल आपरेशन करते हुए चित्रकूटधाम मंडल में चिकित्सीय इतिहास में बड़ी उपलब्धि दर्ज कराई।
सीमावर्ती मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के धरमपुर निवासी वित्रांस (8) पुत्र भइयालाल ने गांव में किसी किराना स्टोर से नमकीन का छोटा पैकेट खरीदा और नमकीन खाने के बाद पैकेट से निकली सीटी बजाने लगा। वित्रांस कुछ देर सीटी बजाता रहा। अचानक सीटी वित्रांस के गले के अंदर चली गई। बालक को परिजन मेडिकल कॉलेज लाए। मेडिकल कॉलेज में ईएनटी सर्जन व कैंसर रोग विशेषज्ञ डा.भूपेंद्र सिंह ने सीटी स्कैन कराया कराया तो सीटी सांस नली से गुजर कर फेफड़े तक पहुंच गई। ईएनटी की सलाह पर परिजन तत्काल आपरेशन को तैयार हो गए।
बुधवार को दोपहर ईएनटी और उनकी टीम ने लगभग दो घंटे की मेहनत के बाद दूरबीन पद्धति से बगैर चीरा लगाए बालक के फेफड़े से सीटी निकालकर बच्चे की जान बचा ली। चिकित्सक के मुताबिक किसी प्राइवेट अस्पताल आपरेशन कराने में 70 से 80 हजार रुपये का खर्च आता। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.एसके कौशल ने सरकारी फीस व तमाम खर्च माफ करते हुए मुफ्त में आपरेशन की सुविधा प्रदान की।
उन्होंने ईएनटी चिकित्सक व पूरी टीम को शाबासी दी। ईएनटी चिकित्सक के साथ टीम में डा.अक्षत, डा.आकाश, डा.विकास, डा.संदीप, एनेस्थीसिया टीम से डा.प्रिया दीक्षित, डा.पंकज सिंह, डा.सुशील पटेल, डा.आशुतोष समेत पैरा मेडिकल स्टाफ से प्रिया तिवारी व अवधेश यादव शामिल रहे।