डीएम ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तलब किया स्पष्टीकरण
कहा, सभी अधिकारी शासन के निर्देशानुसार समय से उपस्थित हो करें जनसुनवाई
भास्कर न्यूज
बांदा। मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी अनुराग पटेल के निरीक्षण के दौरान ‘चिराग तले अंधेरा’ वाली कहावत चरितार्थ होती दिखाई दी। जिले के सभी विभागों और कार्यालयों में समयबद्धता और कर्तव्य निष्ठा का पाठ पढ़ाने वाले अफसर खुद ही अपने कार्यालयों से गायब रहते हैं। इस बात का खुलासा शुक्रवार को उस समय हुआ जब जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने अपने ही अधीनस्थों की पड़ताल की। निरीक्षण में ज्यादातर अधिकारी कर्मचारी नदारत रहे। और तो और सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय में तो 10.30 बजे तक ताला ही लटकता रहा। यह नजारा देखकर डीएम का पारा चढ़ गया और उन्होंने सभी अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। कहा कि शासन के निर्देशानुसार सभी अधिकारी समय से अपने कार्यालयों में पहुंचें और जनता की समस्याएं सुनकर निस्तारण करें।
शुक्रवार की सुबह 10 बजे जिलाधिकारी अनुराग पटेल का काफिला कलेक्ट्रेट पहुंचा तो वहां का नजारा देखने लायक था, कई कार्यालयों में ताला बंद था, तो कई अधिकारी उपस्थित नहीं हुए थे। डीएम ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी को फटकार लगाई। डीएम के निरीक्षण के दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व उमाकांत त्रिपाठी, एडीएम न्यायिक अमिताभ यादव, एडीएम नमामि गंगे एमपी सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट केशव नाथ गुप्ता, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी बीके शर्मा, मुख्य कोषाधिकारी दिनेश बाबू, सहायक कोषाधिकारी अजीत सिंह, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी विनोद कुमार वर्मा और कलेक्ट्रेट की प्रशासनिक अधिकारी मंजू अग्रवाल कार्यालय से अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा। साथ ही निर्देशित किया कि प्रतिदिन अपने-अपने कार्यालयों में समय से उपस्थित होकर शासकीय कार्यों का संपादन करें। बताते चलें कि सुबह 10.00 बजे से 12.00 बजे तक जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालयों में समस्या लेकर लोग पहुंचते हैं। शासन के भी निर्देश है कि इस अवधि में जनता की समस्याओं को सुनकर अधिकारी उनका निस्तारण करें लेकिन जो समय जनसमस्याओं के निस्तारण का होता है। उस समय अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में अनुपस्थित रहते हैं। जिससे जन समस्या लेकर आने वाले लोग निराश होकर लौट जाते हैं।