
- उत्पीड़न पर लगाम लगाने की मांग को लेकर लेखपाल संघ का अल्टीमेटम
- एसडीएम को ज्ञापन सौंप उठाई मृतक लेखपाल की मां को मुआवजे की मांग
Banda : भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर मतदाता सूची के प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम अब प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों समेत इसमें लगे सभी बीएलओ के लिए बवाले जान बनता जा रहा है। जहां एक ओर समय से काम पूरा करने का दबाव है, वहीं उत्पीड़न का आरोप लगाकर विभिन्न कर्मचारी संगठन अब प्रशासन के खिलाफ माेर्चा खोलने का ऐलान करने लगे हैं। हाल ही में फतेहपुर के बिंदकी तहसील में तैनात लेखपाल की आत्महत्या के मामले को लेकर लेखपाल संघ ने आंदोलन छेड़ने का अल्टीमेटम दे दिया है, वहीं दबाव व उत्पीड़नात्मक कार्रवाई से परेशान होकर कई कर्मचारी डिप्रेशन आदि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने का दावा कर रहे हैं।
लेखपाल संघ के अध्यक्ष विनोद रावत की अगुवाई में लेखपालों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एसडीएम राहुल द्विवेदी को ज्ञापन सौंपकर एसआईआर में अधिकारियों के बढ़ते दबाव और संवेदनहीनता पर सवाल उठाए हैं। संघ के अध्यक्ष श्री रावत ने लेखपाल सुधीर की मौत को अधिकारियों की निरंकुशता और संवेनहीनता की पराकाष्ठा करार दिया। कहा कि अपनी शादी के लिए छुट्टी मांग रहे लेखपाल पर निलंबन व बर्खास्तगी की कार्रवाई घोर अन्यायपूर्ण है। मंत्री राजेंद्र सिंह ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सुधीर की मौत सिस्टम में बदलाव की चेतावनी है।
लेखपाल संघ ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग बुलंद की है। कहा है कि कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद होना चाहिए और एसआईआर की अंतिम तारीख बढ़ाई जानी चािहए। लेखपालों ने मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की राह पकड़ने की चेतावनी दी है। इस मौके पर संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यनारायण, धर्मेंद्र गुप्ता, अरविंद कुमार, राजेश कुमार समेत तमाम लेखपाल शामिल रहे। ऐसे ही पैलानी तहसील में संघ अध्यक्ष शैलेंद्र तिवारी और मंत्री सुजीत कुमार की अगुवाई में एसडीएम अंकित वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया।
लेखपाल संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से नो एफआईआर-नो एसआईआर का अल्टीमेटम दिया है। लेखपालों ने पैलानी एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दिवंगत लेखपाल की मां को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता दिए जाने और मुख्य आरोपी के रूप में डिप्टी कलेक्टर संजय सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांगें प्रमुखता से उठाई हैं। साथ ही एसआईआर की अंतिम तिथि बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया है। कहा कि अगर जल्द ही मुख्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो लेखपाल संघ पूरे प्रदेश में आंदोलन करने को बाध्य होगा।










