बांदा : बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर कांग्रेस का हल्ला बोल, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

बांदा : जिले में मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला एवं मंडलीय अस्पताल तक स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कांग्रेसियों ने जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों पर निजी नर्सिंग होम खोलकर आम जनता को लूट का शिकार बनाने का आरोप लगाया।

बुधवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेसियों ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी जे. रीभा को सौंपा। ज्ञापन में कांग्रेसियों ने कहा कि दो दिन बाद हम आजादी की 78वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनता के लिए सुलभ नहीं बनाया जा सका है।

कांग्रेसियों ने इस बदहाली के लिए प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कहने को तो जिले में जिला एवं मंडलीय चिकित्सालय, ट्रॉमा सेंटर, महिला चिकित्सालय और रानी दुर्गावती राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित है, लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का हमेशा टोटा रहता है। मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों को कमीशनखोरी के चलते तत्काल कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ व झांसी रेफर कर दिया जाता है। वहीं, कई गंभीर रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती भी अब तक नहीं हो सकी है।

जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में गरीबों को सही उपचार नहीं मिल पाता और कई लोग चिकित्सकों की लापरवाही के कारण जान गंवा बैठते हैं। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि चिकित्सक कमीशनखोरी के चलते बाहर की दवाएं और जांच लिखते हैं तथा मरीज के असमर्थता जताने पर उन्हें अन्य अस्पतालों में रेफर कर देते हैं। इतना ही नहीं, मेडिकल कॉलेज में तैनात लगभग सभी चिकित्सक शहर के विभिन्न इलाकों में निजी क्लीनिक चलाते हैं और मरीजों को सरकारी अस्पताल से अपने निजी अस्पतालों में ले जाने का षड्यंत्र करते हैं।

कांग्रेसियों ने राज्यपाल से मांग की है कि सरकार ऐसे अमानवीय कृत्य करने वाले चिकित्सकों की गोपनीय जांच कराकर कठोर कार्रवाई करे। इस मौके पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष सीमा खान, संगठन प्रभारी संकटा प्रसाद त्रिपाठी, आदित्य सिंह, डॉ. संजय द्विवेदी दनादन, बल्देव वर्मा, मोहम्मद इदरीश, केशव पाल, सुखदेव गांधी आदि मौजूद रहे।

मेडिकल कॉलेज में धूल फांक रहीं करोड़ों की मशीनें
पूर्ववर्ती बसपा सरकार में स्थापित रानी दुर्गावती राजकीय मेडिकल कॉलेज अभी तक मरीजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। आलम यह है कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों का टोटा है और स्टाफ नर्सों की भी नियुक्ति नहीं हुई है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में करोड़ों रुपये की आधुनिक तकनीक वाली जांच मशीनें पिछले दो दशकों से धूल फांक रही हैं। इन मशीनों के संचालन के लिए तकनीशियन तक तैनात नहीं हैं, जिससे लोगों को सरकारी सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति और जांच मशीनों के संचालन की व्यवस्था करने की मांग की है।

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