आंगनवाड़ी कार्यकत्री का मानदेय रोकने के दिये निर्देश
कार्यस्थल पर ही मनरेगा मजदूरों की हाजिरी भरने की हिदायत
भास्कर न्यूज
बांदा। विकासखंड तिंदवारी के बेंदा ग्राम में मुख्य विकास अधिकारी ने निरीक्षण किया। इस दौरान तमाम सारी खामियां पाईं। यहां मनरेगा कार्य में मजदूरों की उपस्थिति कार्यस्थल की जगह बाद में भरी जाती है। प्रविष्टियां अत्यावधिक पूर्ण करने के निर्देश दिये। आंगनवाड़ी केंद्र के निरीक्षण के वक्त वहां ताला लगा पाया। बुलाने पर भी जब आंगनवाड़ी नहीं आई तो उन्होंने उसका मानदेय काटने का निर्देश दिया।
मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य ने विकासखंड तिंदवारी में ग्राम पंचायत बेंदा के अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। अमृत सरोवर में हुए वृक्षारोपण में झाड़ियों की कटाई का कार्य कराया जा रहा था, जो संचारी रोग नियंत्रण की दृष्टि से आवश्यक है। इसके अलावा पंचायत सचिवालय में मनरेगा से संबंधित रजिस्टर और पत्रावलियों का निरीक्षण किया गया। आज की तारीख के लिए जारी हुए मस्टररोल फाइल में ही पाए गए, जिससे स्पष्ट है कि कार्यस्थल पर मजदूरों की उपस्थिति न लेकर के बाद में एक साथ उपस्थिति भरी जाती है। ग्राम पंचायत में वर्तमान वित्तीय वर्ष में केवल 10 श्रमिकों ने 100 दिन का कार्य किया है। यह संख्या बहुत कम है। मनरेगा की पत्रावली मे पाए गए मस्टर रोल और एमबी अधूरी थी। इनमें प्रविष्टियां अत्यावधिक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। बिल वाउचर और मस्टरोल जिनका कई माह पूर्व भुगतान किया जा चुका है। उन पर भी पेड एंड कैंसिल की मुहर और हस्ताक्षर नहीं पाए गए। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र के निरीक्षण के लिए केंद्र पर पहुंचने पर वहां ताला लगा पाया गया और बुलाने पर भी आंगनवाड़ी कार्यकत्री उपस्थित नहीं हुई। आंगनवाड़ी कार्यकत्री का मानदेय काटने का निर्देश दिया गया। पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के कक्ष में टूटे-फूटे सामान फावड़ा, खुरपी खराब ढंग से रखे गए थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था, कि कार्यालय की साफ-सफाई के प्रति प्रधानाध्यापक एवं अन्य अध्यापकों में कोई रुचि नहीं है, जबकि संचारी रोग के नियंत्रण के लिए डेंगू एवं वायरल फीवर और मलेरिया नियंत्रण के लिए सभी को निर्देशित किया, लेकिन साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया नहीं दिया गया।
बेहद लचर मिली शिक्षण व्यवस्था
सीडीओ ने ग्राम पंचायत सेमरी में पूर्व माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। अध्यापिकाएं तकरीबन 2 बजे स्कूल से जाने की तैयारी कर रही थी। विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक, 4 सहायक अध्यापक और दो अनुदेशक तैनात हैं। कुल 7 महिला अध्यापक स्कूल को चला रहे हैं। विद्यालय में 116 पंजीकृत छात्र हैं, जिसमें से केवल 53 छात्र उपस्थित मिले। तीन रसोइया हैं, लेकिन शिक्षण की गुणवत्ता अत्यंत खराब है। गणित के लिए अलग से अध्यापक हैं, लेकिन जब कक्षा-8 के छात्र से गणित के सवाल पूछे गए तो बच्चे जवाब नहीं दे पाए।