
- बिजली किल्लत को लेकर पैलानी डेरा में ग्रामीणों ने लगाया था सड़क पर जाम
- पैलानी थाना प्रभारी की तहरीर पर आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों पर मुकदमा
बांदा। प्रदेश की याेगी सरकार भले ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति को लेकर तमाम दावे कर रही है, लेकिन हकीकत सरकारी दावों के ठीक उलट है। शहरी क्षेत्र में जहां लोकल फाल्ट व ट्रिपिंग के नाम पर रात-दिन अघोषित बिजली कटौती का खेल चल रहा है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई घंटे की बिजली कटौती हो रही है। वहीं सरकार के दावों के उलट कई दिनों तक ग्रामीण इलाकों के ट्रांसफार्मर खराब पड़े रहते हैं और ग्रामीणों काे बिना बिजली के रातदिन काटने पड़ते हैं। जबकि सरकार का दावा है कि 24 घंटे के अंदर खराब ट्रांसफार्मर को बदला जा रहा है। बिजली की मांग करने वाले ग्रामीणों के िखलाफ सरकार के नुमाइंदे मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई करने का काम कर रहे हैं। ताजा मामला पैलानी के कुशवाहा डेरा में सामने आया है, जहां ट्रांसफार्मर बदलने की मांग कर रहे करीब आधा सैकड़ा ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
पैलानी के कुशवाहा डेरा में बीते करीब एक माह से खराब पड़े ट्रांसफार्मर को जब बार-बार सूचना दिए जाने के बाद भी नहीं बदला गया तो ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बताया गया है कि बीते एक माह से अधिक समय से गांव का ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है, जिसे लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार की शाम ग्रामीणों ने पैलानी डेरा पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। जाम लगाए ग्रामीणों को नए ट्रांसफार्मर के जरिए बिजली आपूर्ति तो नहीं मिली उल्टा पैलानी थाना पुलिस ने करीब आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी के नेता पुष्पेंद्र सिंह चुनाले ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जहां बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते गांव में एक माह से अंधेरा कायम है, वहीं बिजली आपूर्ति की मांग करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने भाजपा की सरकार की तुलना अंग्रेजी हुकूमत से करते हुए कहा है कि अंग्रेजी शासनकाल में भी अपने हक की मांग करने पर मुकदमा दर्ज करके दंडात्मक कार्रवाई की जाती थी। कहा है कि आम जनता के हक की लड़ाई में उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वह तैयार हैं। उन्होंेने पुलिस पर लाठी चार्ज करने और भीड़ में शामिल महिलाओं, बच्चों व अन्य लोगों से अभद्रता करने का आरोप लगाया है। सपा नेता चुनाले ने थाना प्रभारी समेत पुलिसकर्मियों के िखलाफ कार्रवाई करने और बिजली विभाग के जेई को हटाने की मांग बुलंद की है।
चालक से मारपीट व तोड़फोड़ का आरोप
उधर थाना प्रभारी पैलानी सुखराम सिंह की तहरीर के आधार पर आधा दर्जन युवकों पर नामजद और आधा सैकड़ा अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ करीब एक दर्जन संगीन धाराओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी निरीक्षक सुखराम सिंह ने तहरीर के माध्यम से ग्रामीणों पर उनका हाथ मोड़ने, कलाई में चोट पहुंचाने और पुलिस के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया है। कहा है कि पवन कुशवाहा, हरिशंकर, हरिओम, पप्पू कुशवाहा व बउवा आदि युवक पुलिस जीप चालक सतेंद्र कुमार को खींच कर ले गए और जान से मारने की नियत से एक पानी भरे ड्रम में डुबाने लगे।
पुलिस बल ने किसी तरह से आरक्षी चालक की जान बचाई और उसे अचेत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने भीड़ में शामिल लोगों को बहुत समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और अभद्रता करते रहे। समझाने बुझाने के दौरान ही कुछ युवकों ने रोडवेज बस व थाने की पुलिस जीप पर पथराव करके शीशे तोड़ दिए। जाम के दौरान कई वाहन व एंबुलेंस फंस गई, जिससे यात्रियों व मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने हुए ग्रामीणों को समझाबुझा कर जाम खुलवाया।