Banda : बबेरू विधायक ने विधानसभा में उठाया राइफल क्लब का मुद्दा

  • नियम-56 के तहत राइफल क्लब बेंचने का जताया विरोध
  • सपा नेता विदित ने विधायक का कराया था ध्यान आकृष्ट

Banda : शहर के एक मात्र बचे खेल मैदान राइफल क्लब की नीलामी का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में खूब गूंजा, बबेरू विधायक विशंभर सिंह यादव ने बांदा विकास प्राधिकरण की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि खेल मैदान की सौदेबाजी होने से जहां खिलाड़ियों में आक्रोश पनप रहा है, वहीं जिले की खेल प्रतिभाओं पर भी विराम लग सकती है। उन्होंने नियम-56 के तहत विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की।

सोमवार को विधानसभा में संचालित शीतकालीन सत्र के दौरान नियम-56 के तहत बबेरू विधायक श्री यादव ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष शहर के एक मात्र खेल मैदान राइफल क्लब मैदान पर बांदा विकास प्राधिकरण की बदनियती का सवाल बुलंद किया। बता दें कि समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव ओमनारायण त्रिपाठी विदित ने बबेरू से सपा विधायक श्री यादव का ध्यान इस मुद्दे पर आकृष्ट कराया और खेल मैदान को बांदा विकास प्राधिकरण के चंगुल से बचाने की मांग की थी। विधायक ने इस मुद्दे को गंभीरता से सदन में उठाते हुए कहा कि शहर के बीचोंबीच स्थित राइफल क्लब मैदान अब शहरी क्षेत्र का एकमात्र खेल मैदान है, जहां खेल प्रतिभाओं को अपना हुनर निखारने का मौका मिलता है। बताया कि राइफल क्लब मैदान तत्कालीन जमींदार ने सन 1902 में 99 साल के पट्‌टे पर पुलिस परेड ग्राउंड के लिए अस्थाई तौर पर दिया था।

विधायक ने यह भी बताया कि खेल मैदान से निकलकर तमाम प्रतिभावान खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जनपद और देश का नाम रोशन किया है। वहीं वर्ष 1993-94 में बांदा विकास प्राधिकरण ने नगर पालिका परिषद से मिलीभगत करके तथ्यों को छिपाकर नजूल लैंड का फ्री होल्ड करा लिया और व्यवसायिक कांपलेक्स तैयार करने का कुचक्र रचा था। जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 2006 में इसी मैदान से राइफल क्लब को खेल मैदान के रूप में घोषणा की थी। हाल ही में बांदा विकास प्राधिकरण की एक बार फिर से इस खेल मैदान पर नियत खराब हुई और प्राधिकरण इस मैदान को व्यवसायिक उपयोग करने और नीलामी करने का कुचक्र रच रहा है।

विधायक का कहना है कि खेल मैदान को बेंचे जाने की खबर से खिलाड़ी व खेल प्रेमी खासे आहत हैं और उनके मन में आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ने सदन कार्रवाई रोककर इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा कराने और उचित कार्रवाई करने की मांग बुलंद की है।

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