बिजली खेड़ा में बिना नक्शा और अभिलेख के बनी तीन मंजिला इमारत
भाजपा छोड़ने पर कसा शिकंजा, अंतिम दिन बहस में नहीं दे पाए कागजात
भास्कर न्यूज
बांदा। भाजपा छोड़कर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक बृजेश कुमार प्रजापति की मुश्किलें अब बढ़ने लगी हैं। शहर के बिजली खेड़ा में स्थित उनके आशियाने पर जल्द ही बाबा का बुलडोजर गरज सकता है। बांदा विकास प्राधिकरण ने अवैध रूप से बनाई गई इमारत को लेकर नोटिस जारी किया था। नोटिस के अंतिम दिन सोमवार को उनकी तरफ से जमीन के अभिलेख और मानचित्र नहीं उपलब्ध कराए गए। बीडीए कार्यालय में पूर्व विधायक के अधिवक्ता और अधिशासी अभियंता के बीच करीब डेढ़ घंटे बहस चली, लेकिन वह अभियंता को संतुष्ट नहींे कर सके और उनके आशियाने के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए गए हैं। सनद रहे कि विधानसभा चुनाव से कुछ पहले ही तिंदवारी से विधायक रहे बृजेश कुमार प्रजापति भाजपा छोड़ सपा की साइकिल पर सवार हुए थे। वह स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी बताए जाते हैं और उनके साथ सपा में शामिल हुए। जिनको पार्टी ने तिंदवारी से चुनाव लड़ाया था, जहां हार का सामना करना पड़ा।शहर के बिजली खेड़ा मोहल्ले में जेएन डिग्री कालेज के नजदीक पूर्व विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने तिमंजिला भवन बनवाकर खड़ा किया था।
उस समय सत्ता में होने के कारण जिला विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन को यह मकान नजर नहीं आया। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस बार जारी गांव निवासी बृजेश कुमार प्रजापति ने पाला बदल लिया। हालांकि तिंदवारी विधानसभा से सपा ने उन्हें चुनाव में उतारा, पर वह सफल नहीं हो सके। चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद बृजेश प्रजापति पर शासन-प्रशासन की निगाहें जम गईं। विकास प्राधिकरण ने 24 मार्च को बृजेश प्रजापति को नोटिस जारी की। 15 दिन का समय देते हुए बिजली खेड़ा में बने तिमंजिला आलीशान बंगले से संबंधित सभी कागजात और मानचित्र तलब किए। बृजेश प्रजापति के अधिवक्ता की ओर से इसके लिए समय मांगा गया। विकास प्राधिकरण ने पहले सात अप्रैल तक का समय दिया। अनुरोध के बाद फिर 16 और फिर 18 अप्रैल तक की मोहलत दी। सोमवार को विकास प्राधिकरण कार्यालय में बृजेश कुमार प्रजापति के अधिवक्ता उनका पक्ष रखने के लिए हाजिर हुए। इस बीच अधिशासी अभियंता आरपी द्विवेदी और अधिवक्ता के बीच मकान को लेकर डेढ़ घंटे तक बहस चली। इसके बाद भी बृजेश प्रजापति की ओर से कोई अभिलेख या मानचित्र नहीं उपलब्ध कराए जा सके। अधिवक्ता ने दो दिन की मोहलत मांगी, लेकिन एक्सईएन ने उच्चाधिकारियों का हवाला देकर मना कर दिया।
इसके बाद एक्सईएन ने मकान पर बुलडोजर चलाने के लिए आदेश जारी कर दिया। उन्होंने इसकी प्रति कोतवाली, मंडलायुक्त व विकास प्राधिकरण अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह सहित जिलाधिकारी को भी भेजी है। इसके अलावा भवन में भी नोटिस चस्पा कराई गई है।