बांदा : स्कूलों में आपूर्ति की गई डेस्क-बेंच में लगा सात करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप

घटिया सामग्री सप्लाई करने के आरोप में कार्यदायी संस्था पर कठोर कार्रवाई की मांग

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष की अगुवाई में बीएसए को सौंपा गया ज्ञापन

भास्कर न्यूज

बांदा। जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए डेस्क-बेंच की आपूर्ति में जमकर धांधली की गई है। करीब सात करोड़ की लागत से की आपूर्ति में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। जिसके एवज में आपूर्तिकर्ता संस्था को प्रति डेस्क-बेंच के हिसाब से चार हजार सात सौ साठ रुपए का भुगतान किया गया है। जिले में कुल 494 उच्च प्राथमिक िवद्यालयों में करीब 15 हजार डेस्क-बेंचों की खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से आपूर्तिकर्ता श्याम इंडस्ट्रीज िवजुअर खुर्द सीतापुर को करीब सात करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। आरोप लगाते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी ने बताया है कि भ्रष्टाचार के संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से विभागीय अफसरों की भी संलिप्तता प्रतीत होती है। ऐसे में बुधवार को शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बीएसए से मुलाकात करके शिकायती पत्र सौंपा है और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी अधिकारियों व आपूर्तिकर्ता संस्था के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गुणवत्ता विहीन डेस्क व बेंच सप्लाई पर उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ भड़क गया है। सात करोड़ से ज्यादा की राशि आवंटित होने के बाद भी घटिया आपूर्ति पर कड़ा एतराज जताया। बीएसए को ज्ञापन सौंपकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। कहा कि जिन विद्यालयों में सप्लाई हुई है, वहां बच्चों के बैठते ही बेंच टूट जाती है। कई जगहों पर अभी आपूर्ति तक नहीं की गई। शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी के नेतृत्व में बीएसए रामपाल सिंह से मिला। विद्यालयों में बच्चों के बैठने की डेस्क बेंच की सप्लाई में धांधली व भ्रष्टाचार की शिकायत की। बताया कि सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र छत्राओं के बैठने के लिए  जनपदवार धन आवंटित किया। जिले के लगभग 494 विद्यालयों के लिए कुल चौदह हजार नौ सौ सत्तावन डेस्क बेंच की खरीदारी की जानी थी। प्रति डेस्क-बेंच चार हजार सात सौ साठ रुपये के हिसाब से लगभग सात करोड़ ग्यारह लाख पंचानवे हजार तीन सौ बीस रुपये धन आवंटित किया गया था। जनपद स्तर पर कमेटी गठित कर खरीदारी के निर्देश दिए गए। जिले में टेंडर प्रक्रिया जेम पोर्टल के माध्यम से मेसर्स श्याम इंडस्ट्रीज विजुअर खुर्द, इंडस्ट्रियल स्टेट सीतापुर उप्र. को सप्लाई का टेंडर  दिया गया। उक्त फर्म  द्वारा सरकार व विभाग की मंशा पर पानी फेरते हुए गरीब छात्र छात्राओं के  बैठने की बेंच को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी। बेंच की लकड़ी की गुणवत्ता इतनी खराब है कि जरा से उपयोग मात्र से ही टूट जा रही है। फर्म द्वारा मनामने तरीके से डेस्क बेंच को स्कूलों तक भेजी जा रही है। अनेक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष द्वारा डेस्क बेंच के खराब होने की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी व बीएसए को भी दी जा चुकी है। अभी काफी विद्यालय हैं, जहां अभी तक आपूर्ति तक नही हुई है।

खरीद के लिए बनी थी कमेटी

स्कूलों में डेस्क-बेंच की खरीद के लिए एक कमेटी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई थी, जिसमें महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सदस्य, मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सदस्य, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिव, वित्त एवं लेखा अधिकारी बेसिक शिक्षा सदस्य हैं। संगठन ने मांग की है कि उक्त प्रकरण की जांच गैर विभागीय अधिकारियों से कराई जाए। दोषियों पर कार्रवाई की जाए। संघ ने इसकी प्रति डीएम व महानिदेशक बेसिक शिक्षा व अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को भी भेजी है।

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