दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। आखिरकार पांच साल बाद बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 2017 में एसोसिएट प्रोफेसरए स्टेनोग्राफरए वाहन चालक और अन्य पदों पर की गई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का जिन्न जाग ही गया। तत्कालीन मंडलायुक्त की जांच को आधार मानते हुए अब शासन ने फर्जीवाड़े की पुष्टि कर दी है और जांच में दोषी अधिकारियों के साथ नौकरी पाने वालों को भी कार्रवाई की जद में लिया है। शासन की ओर से विशेष सचिव ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि सभी अनियमित नियुक्तियों पर समुचित कार्रवाई करने और वित्तीय क्षति की रिकवरी करने का फरमान सुनाया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि कुलसचिव के सगे संबंधियों को नियम विरुद्ध भर्ती किया गया है।
विशेष सचिव ने दोषी अफसरों व कर्मियों से रिकवरी के दिए निर्देश
चित्रकूटधाम मंडल के तत्कालीन आयुक्त की जांच आख्या के आधार पर शासन के विशेष सचिव देवेंद्र कुमार सिंह कुशवाहा ने मौजूदा कुलपति के नाम पत्र भेजा है। विशेष सचिव पत्र के माध्यम से कहा है कि तत्कालीन मंडलायुक्त ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 2017 में की गई भर्तियों की जांच की थी।
इसमें विश्वविद्यालय में आशुलिपिक स्टेनोग्राफरए फार्म मैनेजरए वाहन चालक एसोसिएट प्रोफेसर कृषि प्रसार के पद पर 40 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। जांच रिपोर्ट में भर्तियां नियम विरुद्ध बताई गई हैं। उन्होंने कहा है कि जांच आख्या से स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय में चयन प्रक्रिया में अनियमितता की गई है। पत्र में कहा गया है कि अनियमितता में दोषी अधिकारियों और नियम विरुद्ध चयनित कर्मियों के विषय में समुचित कार्यवाही की जाए।
विभिन्न पदों पर 2017 में की गई थी 40 लोगों की भर्तियांए मिली अनियमितता
अनियमितता के कारण हुई वित्तीय क्षति की वसूली भी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से की जाए। विशेष सचिव ने जांच आख्या के मुताबिक बताया है कि मार्च 2017 में बांदा कृषि विश्वविद्यालय में 40 पदों पर भर्तियां की गई। इनमें एक एसोसिएट प्रोफेसर समेत 5 स्टेनोग्राफरए 09 वाहन चालकों और फार्म मैनेजर सहित 40 लोगों को भर्ती किया गया था। भर्ती को लेकर कई शिकायतें शासन में की गई। भर्ती प्रक्रिया में एक अभ्यर्थी की तो बिना टेस्ट काॅपी चेक किए ही भर्ती कर लिया गया।
वहीं वाहन चालकों की नियुक्ति बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के कर दी गई। ज्यादातर नियुक्त कर्मी तत्कालीन निदेशक प्रशासन व अनुश्रवण डॉण्एनके बाजपेई के सगे संबंधी थे। एसोसिएट प्रोफेसर पद पर चयनित डॉ भानु प्रकाश मिश्रा की नियुक्ति पर भी सरकार द्वारा कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सभी नियुक्तियां तत्कालीन कुलपति डॉ एसएल गोस्वामी के कार्यकाल में निदेशक प्रशासन एवं अनुसरण डॉक्टर एनके बाजपेई ने वर्ष 2017 में की थी। उधर कृषि विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी बालेंद्र राजपूत पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। उनका कहना है कि अभी तक उनके या कुलपति के पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मामले के संबंध में शासन से आवश्यक दिशा.निर्देश मिलने पर समुचित कार्रवाई की जाएगी।