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बांदा। जिला अधिवक्ता संघ ने गुरुवार को अधिवक्ताओं की 9 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी की चौखट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें मांग की गई कि कृषक अधिवक्ताओं को कृषक सम्मान निधि दी जाये। सभी अधिवक्ताओं को आयुष्मान योजना का लाभ मुहैया कराया जाये। उन्हें विधि व्यवसाय के साथ अन्य व्यवसाय करने की स्वतंत्रता दी जाये।
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने कहा है कि विधि व्यवसाय करने वाले तकरीबन 90 फीसद अधिवक्ता किसान परिवारों से आते हैं। उनकी आजीविका मूल रूप से कृषि उपज व उससे होने वाली आय पर निर्भर है। एडवोकेट एक्ट के प्रावधानों में अधिवक्ता को विधि व्यवसाय से इतर अन्य व्यवसाय करने से विरत किया गया है। एक अधिवक्ता को विधि व्यवसाय प्रारंभ करने में आवासीय, व्यावसायिक और अन्य आर्थिक अभावों का सामना करना पड़ता है। तकरीबन 10 वर्ष उसे न्यायालय की प्रक्रिया को समझने में ही लग जाते हैं। इन स्थितियों में वह स्वयं और उसका परिवार कृषि आय पर निर्भर होता है या फिर उसे मजदूरी करनी पड़ती है।
जिला अधिवक्ता संघ ने सीएम को भेजा 9 सूत्रीय ज्ञापन
हालांकि उच्चतम न्यायालय ने अधिवक्ता को कोर्ट ऑफीसर का दर्जा दे रखा है, लेकिन न्यायालय के पदाधिकारियों व कर्मचारियों की भांति उसे वहां से कुछ अर्जित नहीं होता। बीमार हो जाने की स्थिति में भी उस निर्धन अधिवक्ता के पास इलाज के लिये खर्च की कोई व्यवस्था नहीं है। अधिवक्ताओं को अवकाश के दिनों का कोई मानदेय नहीं मिलता। अधिवक्ताओं का कहना है कि किसान अधिवक्ताओं को कृषक सम्मान निधि दी जाये।
सभी अधिवक्ताओं को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाये। सभी अधिवक्ताओं को विधि व्यवसाय के साथ उन्हें अन्य व्यवसाय करने की भी स्वतंत्रता दी जाये। इसके लिये एडवोकेट्स एक्ट में आवश्यक संशोधन किया जाये। 10 वर्ष तक के प्रारंभिक विधि व्यवासय की अवधि में उन्हें कम से कम 5 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाये। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह गौर, महासचिव राकेश कुमार सिंह समेत आधा सैकड़ा से भी ज्यादा अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
अधिवक्ता हड़ताल पर, तारीख लेकर वापस लौटे फरियादी
अतर्रा में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अमर सिंह राठौर व महासचिव मनोज द्विवेदी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने सरकार से किसान सम्मान निधि व आयुष्मान कार्ड सुविधाओं का लाभ न दिए जाने के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल धरना दिया और सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी विकास यादव को सौंपा।
सूरज बाजपेई, विवेक बिंदु तिवारी, सुशील गुप्ता, राममिलन कुशवाहा ने भी अधिवक्ताओं को सुविधाएं दिए जाने की मांग की। इस मौके पर अधिवक्ता लखन मिश्रा, बृजमोहन सिंह राठौर, मनोज श्रीवास्तव, राजेश द्विवेदी, ब्रह्मदत्त शुक्ला, संजय श्रीवास्तव, मनीष गर्ग, विश्वनाथ अवस्थी, राजेंद्र जाटव, अतुल दीक्षित, धीरेंद्र सिंह, रामप्रकाश यादव, अनपत सैनी, शिवमूर्ति मिश्रा आदि मौजूद रहे। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने से फरियादी अगली तारीख लेकर मायूस होकर घर वापस लौट गए।