
महराजगंज तराई ,बलरामपुर : बृहस्पतिवार रात हुई बारिश से जहां गर्मी से राहत मिली और फसलों को लाभ हुआ, वहीं शुक्रवार सुबह पहाड़ी खरझार नाले में उफान आ जाने से बाढ़ पीड़ित गांवों की समस्या बढ़ गई। खरझार नाले में बाढ़ आने से रामगढ़, मैटहवा, सुगानगर, रमगढ़िया, जगरामपुरवा, लहेरी, पूरेछीटन, अमरहवा, नंहुवा पुर, मजगवां आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया।
लहेरी–विजयीडीह मार्ग पर तीन फीट पानी भर जाने से आवागमन बंद हो गया। सुगानगर–महराजगंजतराई मार्ग पर पानी आने से भी आवाजाही प्रभावित रही। पहाड़ी नाला हेंगहा, धोबैनिया और खरझार नाला तराई क्षेत्र से होकर राप्ती नदी में समाहित होते हैं। पहाड़ी नालों की बाढ़ का पानी क्षेत्र के लगभग बीस गांवों को हर साल प्रभावित करता है।
ग्रामीणों का कहना है कि खरझार नाले के उत्तर छोर के पूरब दिशा में बना तटबंध पूरी तरह जर्जर हो चुका है। इस तटबंध का निर्माण वर्ष 2007 में कराया गया था। उसके बाद से बाढ़ खंड के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इसकी सुध तक नहीं ली, जिससे तटबंध जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। यदि समय से मरम्मत नहीं कराई गई तो ग्रामीणों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ेगा।
स्थानीय निवासी ग्राम प्रधान तुलाराम यादव, ग्राम प्रधान जीने, धनीराम वर्मा, रामकुमार, कैलाश यादव, राजेंद्र वर्मा आदि लोगों ने तटबंध की मरम्मत कराए जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।
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