बलरामपुर : जर्जर तटबंध से बाढ़ का खतरा गहराया, खरझार नाले के उफान से कई गांव जलमग्न

महराजगंज तराई, बलरामपुर : तराई क्षेत्र में रविवार से हो रही रुक-रुक कर बारिश से जहां गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ़ फसलों के लिए यह लाभकारी साबित हुई है। लगातार हो रही बारिश के चलते मंगलवार सुबह पहाड़ी खरझार नाले में उफान आ जाने से बाढ़ पीड़ित गांवों की समस्या बढ़ गई है।

खरझार नाले में बाढ़ आने से रामगढ़ मैटहवा, विजयी डीह, सुगानगर, रमगढ़िया, जगराम पुरवा आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लहेरी–विजयी डीह मार्ग बाढ़ के पानी से प्रभावित है।

ग्रामीण महेंद्र तिवारी, तुलाराम, जीने आदि ने बताया कि बाढ़ खंड के कार्यक्षेत्र में पड़ने वाले पहाड़ी नाला खरझार के तट पर बना तटबंध जर्जर स्थिति में है। तटबंध की मरम्मत कराने में जिम्मेदार अधिकारी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में बीस गांवों की लगभग दस हजार आबादी को बाढ़ का कहर झेलना पड़ सकता है।

पहाड़ी नाले हेंगहा, धोबैनिया और खरझार नाला तराई क्षेत्र से होकर राप्ती नदी में समाहित होते हैं। पहाड़ी नालों की बाढ़ का पानी क्षेत्र के लगभग बीस गांवों को हर साल प्रभावित करता है।

ग्रामीणों के अनुसार, खरझार नाले के उत्तर छोर के पूरब दिशा में बना तटबंध पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इस तटबंध का निर्माण वर्ष 2007 में कराया गया था। उसके बाद से बाढ़ खंड के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस तटबंध को देखना तक मुनासिब नहीं समझा, जिससे तटबंध जगह-जगह से जर्जर अवस्था में है।

तटबंध की मरम्मत समय से नहीं कराई गई तो ग्रामीणों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ेगा। स्थानीय निवासी ग्राम प्रधान तुलाराम यादव, ग्राम प्रधान जीने, धनीराम वर्मा, रामकुमार, कैलाश यादव, राजेंद्र वर्मा आदि लोगों ने तटबंध की मरम्मत कराए जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।

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