
उतरौला, बलरामपुर : नगर की आस्था और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक श्री दुःखहरण नाथ मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए विख्यात है। करोड़ों रुपये की लागत से नगर पालिका परिषद उतरौला एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पोखरे का सुंदरीकरण कराया गया, ताकि मंदिर की खूबसूरती और गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश प्रसारित हो। लेकिन इन सब प्रयासों के बावजूद मंदिर परिसर के चारों ओर फैला अतिक्रमण उसकी सुंदरता को ढक रहा है और श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन गया है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि मंदिर के बाहर चारों तरफ अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर पार्किंग स्थल बना लिया है। इसका नतीजा यह रहा कि जन्माष्टमी की रात्रि में निकली शोभायात्रा को मंदिर परिसर तक पहुंचने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। भीड़भाड़ और गाड़ियों की पार्किंग से रास्ते इतने संकरे हो गए कि भक्तों को जुलूस निकालने में काफी दिक्कत हुई।
इस मौके पर अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि नगर पालिका और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यदि करोड़ों रुपये खर्च कर मंदिर का सुंदरीकरण कराया गया है तो उसे अतिक्रमण मुक्त कराना भी उनकी जिम्मेदारी है।
वहीं दीपक चौधरी ने कहा कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां आते हैं। मंदिर परिसर को पार्किंग या बाजार बना देना आस्था का अपमान है। प्रशासन को समय-समय पर अभियान चलाकर रास्ते साफ रखने चाहिए।
जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जन्माष्टमी जैसे बड़े पर्व पर शोभायात्रा को जगह न मिलना दुखद है। श्रद्धालु मंदिर तक बड़ी श्रद्धा से पहुंचते हैं, लेकिन अतिक्रमण देखकर उनका मन खिन्न हो जाता है। यह स्थिति निश्चित रूप से सुधारी जानी चाहिए।
भक्तों ने प्रशासन से निवेदन किया है कि इस समस्या को गंभीरता से लेकर मंदिर परिसर के चारों ओर हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाए, ताकि आने वाले समय में किसी भी धार्मिक शोभायात्रा या उत्सव के दौरान भक्तों को कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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