
Jarwal, Bahraich : बर्बाद गुलिस्ता करने को बस एक ही उल्लू काफी था।का शेर मशहूर शायर शौक बहराइची (रियासत हुसैन रिजवी) ने भले ही किसी पर लिखा है। पर नगर पंचायत जरवल पर तो जरूर सटीक बैठ रहा है। बताते चलें गुलिस्ताँ (समाज) बर्बाद करने के लिए एक ही मूर्ख या अयोग्य व्यक्ति (उल्लू) काफी है। और हर शाख पर ऐसे उल्लू बैठे हैं तो समाज का अंजाम क्या होगा। जिससे जरवल के विकास का पहिया पूरी तरह थम सा चुका है। सूत्र बता रहे हैं जरवल की अधिशाषी अधिकारी खुशबू यादव, अध्यक्ष तस्लीम बानो या ये कहा जाए कि उनके पति के दबाव में सभासदो द्वारा मांगे गए लेखा-जोखा का हिसाब कई महीने से नहीं दे रही है। इसके पीछे सभासदो की मंशा क्या छिपी है हर कोई जानता भी है। सूत्र बता रहे हैं की सभासदों के द्वारा प्रस्ताव न किए जाने की वजह से विकास भी रुका पड़ा है बोर्ड की बैठक भी नहीं हो पा रही है।
जिससे निकाय प्रशासन व सभासदों के बीच में जनता पूरी तरह पिस रही है। वैसे सभासदों द्वारा दबी जुबान से यह भी कहा जा रहा है कि हमका नाही कोई विकास हम का हउ चाहिए। जिससे जरवल के हर वार्ड में अराजकता फैल चुकी है।जो थमने का नाम ही नहीं ले रही। सूत्रों की माने तो यूपी की सरकार ने विकास के नाम पर काफी पैसा इस निकाय को अब तक दे चुकी हैं लेकिन उसके दुरुपयोग के कारण जानता के सामने वही रटा-रटाया शब्द कहा जा रहा है कि भाजपा सरकार है पैसा आता ही नहीं जबकि विकास के नाम पर सरकार करोड़ों रुपए यहां दे चुकी हैं फिर भी कस्बे की हालत उजडे हुए चमन जैसा दिख रहा है।जो जरवल के लिए शुभ संकेत भी नहीं है।
निकायों में ये होना चाहिए जरवल।
निकाय क्षेत्रों में आमतौर पर बेहतर बुनियादी ढांचे होते हैं जैसे पक्की सड़कें, विश्वसनीय जल और ऊर्जा आपूर्ति, सीवेज प्रणाली और सार्वजनिक परिवहन। अधिक रोजगार के अवसर शहर और कस्बे आईटी, विनिर्माण, खुदरा और सेवाओं के क्षेत्र में विविध प्रकार के कैरियर के अवसर प्रदान होता है होता है पर निकाय प्रशासन और सभासदों के बीच आपसी खीच-तान की वजह से ऐसा कुछ भी नहीं हो पा रहा है।