
Payagpur, Bahraich : पयागपुर में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर प्रशासन की बढ़ती सक्रियता से जहां निर्वाचन व्यवस्थाओं को अधिक सुव्यवस्थित करने में तेजी आई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इससे जुड़ी आशंकाओं में भी वृद्धि देखी जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा संचालित विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिहीन, अद्यतन और विश्वसनीय बनाना है, जिसमें मृतकों, स्थानांतरित व्यक्तियों और द्वितीय प्रविष्टियों को हटाने के साथ-साथ नए पात्र मतदाताओं को शामिल किया जाता है।
हालांकि, इस सत्यापन अभियान में खासतौर पर उन महिलाओं को असमंजस में खड़ा कर दिया गया है जो बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों एवं मित्र राष्ट्र जैसे नेपाल से विवाह कर यहां आई हैं, अथवा प्रेम विवाह के बाद स्थानीय क्षेत्र में बस चुकी हैं। ग्रामीणों के अनुसार, ऐसी महिलाओं के दस्तावेज अक्सर व्यवस्थित नहीं होते, जिसके कारण एसआईआर के दौरान आवश्यक पहचान, निवास प्रमाण पत्र तथा माता-पिता के दस्तावेज प्रस्तुत करने में उन्हें कठिनाई हो रही है। अनभिज्ञता के कारण कुछ महिलाओं को यह डर भी है कि कागज़ात अधूरे होने पर उनके नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं या भविष्य में अधिकारों को लेकर कोई जटिलता उत्पन्न हो सकती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि एसआईआर का उद्देश्य केवल मतदाता सूची सुधार की प्रक्रिया है और इसका नागरिकता अथवा मताधिकार समाप्त करने से कोई सम्बन्ध नहीं है। इसी संदर्भ में, एसडीएम पयागपुर अश्वनी कुमार पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान पुनरीक्षण अभियान में अभिभावक अर्थात माता-पिता की पुष्टि अनिवार्य है। उनके अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान और जन्म संबंधी विवरण के सत्यापन हेतु माता-पिता की ओर से पुष्टि करानी होगी, और यदि यह उपलब्ध नहीं कराई जाती, तो संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा जाएगा।
एसडीएम ने यह भी कहा कि शासकीय स्तर पर यदि कोई नई व्यवस्था बनेगी तो उसके अनुरूप नियमनुसार कार्य कराया जाएगा, लेकिन वर्तमान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और किसी के अधिकार समाप्त करने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि मतदाता सूची को सही और प्रमाणिक बनाने हेतु की जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों, विशेषकर अन्य प्रान्तों व नेपाल से आई महिलाओं से अपील की कि वे बिना किसी भ्रम में पड़े ब्लॉक व तहसील स्तर पर बने नामांकन केंद्रों से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी लें, ताकि समय पर अभिलेख दुरुस्त कर मतदाता सूची में अपना नाम निर्विवाद रूप से दर्ज करा सकें।










