
Bahraich : विशेष्वरगंज विकास खंड के तहत आने वाली ग्राम पंचायत मुडेरवा में राशन वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने स्थानीय कोटेदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें घटतौली, कालाबाजारी और अतिरिक्त वसूली शामिल हैं। ग्रामीणों ने इस पूरे मामले में जिला आपूर्ति अधिकारी (डीएसओ) और आपूर्ति निरीक्षक (सप्लाई इंस्पेक्टर) की मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।
क्या है मामला?
लाभार्थियों का कहना है कि कोटेदार राशन वितरण में कई तरह की धांधली कर रहा है। आरोप है कि वह नई मशीन पर राशन कार्ड पर अंगूठा लगवा लेता है, लेकिन राशन नहीं देता। इसके बाद पुरानी मशीन से राशन दिया जाता है और फिर दोबारा अंगूठा लगवाया जाता है। इससे राशन कार्ड धारकों को मिलने वाला अनाज कम हो जाता है। इसके अलावा, राशन के साथ धनिया, नमक और सर्फ जैसी अन्य सामग्री भी जबरन दी जाती है, जिसके लिए प्रति राशन कार्ड 100 रुपये अतिरिक्त वसूले जाते हैं। अगर कोई लाभार्थी ये चीजें लेने से मना करता है, तो उसे राशन नहीं दिया जाता। लाभार्थियों का यह भी आरोप है कि उन्हें तुरंत राशन नहीं मिलता, बल्कि दो से तीन दिन बाद आने को कहा जाता है।
कालाबाजारी और अधिकारियों की मिलीभगत
शिकायतकर्ता हरिओम ने आरोप लगाया कि पिछले महीने का राशन किसी को नहीं दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पूरे खेल में डीएसओ और सप्लाई इंस्पेक्टर की मिलीभगत है। हरिओम ने बताया कि जब उन्होंने डीएसओ से शिकायत की तो उन्होंने दोनों पक्षों को समझौता करने को कहा और कहा कि “कुछ पैसे लेकर मामले को निपटा लें।” इसी तरह, सप्लाई इंस्पेक्टर ने भी कोई कार्रवाई नहीं की और जांच के लिए मौके पर भी नहीं आए। यह बयान अधिकारियों के पक्षपातपूर्ण व्यवहार और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
क्या कहा अधिकारी ने?
इस संबंध में जब डीएसओ से बात की गई तो उन्होंने इसे आपसी विवाद का मामला बताया। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी कोटेदार किसी ग्रामीण को नमक, निरमा, धनिया जैसी चीजें जबरदस्ती देता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि ग्रामीण अपनी इच्छा से ये चीजें लेना चाहें तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
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