
बहराइच : जरवल के बाबा खाकी दास मंदिर समेत ग्रामीण इलाकों में भी भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना हुई, जहाँ लोगों ने विधिवत पूजा-पाठ कर गणपत बप्पा मोरया का उद्घाटन किया। बता दें कि बाबा खातेदार मंदिर में पिछले कई वर्षों से गणेश महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के अलावा विभिन्न शहरों में भी मनाया जाता है। किन्तु महाराष्ट्र और कर्नाटका में इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
एसे हुई शुरुआत
जरवल। मान्यता है कि भारत में मुगल शासन के दौरान अपनी सनातन संस्कृति को बचाने के लिए छत्रपति शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई के साथ मिलकर गणेश चतुर्थी यानी गणेश महोत्सव की शुरुआत की थी।
कलयुग में भगवान गणेश ऐसे होंगे अवतरित
जरवल। मान्यता है कि कलयुग में भगवान गणेश को धूम्रकेतु या धूम्रवर्ण और शूर्पकर्ण के नाम से जाना जाएगा। इस अवतार में उनके हाथ में खड्ग तलवार होगी। वे एक नीले घोड़े पर सवार होंगे और अपनी सेना के साथ पापियों का नाश करेंगे, जिससे अधर्म का अंत होगा।
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