Bahraich : महिलाएँ स्वस्थ होंगी तो पीढ़ियाँ होंगी सुरक्षित – सीएमओ

  • 17 सितम्बर से चलेगा ‘स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान’
  • मातृत्व और महिला स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष जोर
  • विशेषज्ञ चिकित्सकों की मिलेंगी सेवाएँ

Bahraich : जिले में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक ‘स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान’ चलाया जाएगा। सरकार का मानना है कि जब महिलाएँ स्वस्थ होंगी तो आने वाली पीढ़ियाँ भी सुरक्षित और सशक्त होंगी और परिवार में समृद्धि आएगी। इसी उद्देश्य से जिले के 411 स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष जांच, परामर्श और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें एक दिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएँ भी उपलब्ध होंगी।

अभियान का शुभारंभ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चित्तौरा में सांसद आनंद गोंड करेंगे। वहीं जिले के अन्य सीएचसी, पीएचसी व आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि यह अभियान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित पोषण माह के साथ जुड़ा हुआ है और इसके अंतर्गत एक ही छत के नीचे 12 प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।

मातृत्व और महिला स्वास्थ्य पर विशेष जोर
सीएमओ ने बताया कि अभियान के दौरान आयोजित शिविरों में गर्भावस्था देखभाल, टीकाकरण, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और दिल की बीमारियों की जांच-उपचार, ओरल कैंसर, स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की जांच, किशोरियों और महिलाओं के लिए एनीमिया की जांच, परामर्श एवं उपचार, उच्च जोखिम वाली महिलाओं के लिए टीबी की जांच, जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोग की जांच, एससीडी कार्ड वितरण एवं परामर्श की सेवाएँ दी जाएंगी। इसके अलावा पोषण सुधार और मासिक धर्म स्वच्छता पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही आयुष्मान कार्ड, आयुष चिकित्सा सेवाएँ और रक्तदान शिविर भी आयोजित होंगे।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएँ
डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एक दिन स्त्री रोग, नेत्र, ईएनटी, त्वचा, मानसिक स्वास्थ्य और दंत रोग विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध होंगी। इसके लिए रोस्टर तैयार किया गया है और जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम के चिकित्सकों व निजी अस्पतालों का सहयोग लिया जाएगा। सभी गतिविधियों की रिपोर्ट प्रतिदिन ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर भारत सरकार को भेजी जाएगी।

डीसीपीएम मो. राशिद ने बताया कि अभियान के तहत गाँव, ब्लॉक और जिला स्तर पर रैलियाँ, स्कूल कार्यक्रम और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन की गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। इसके साथ ही टीबी मुक्त भारत जन आंदोलन को भी शामिल किया गया है, जिसमें “नि:क्षय मित्र” नामांकन का विस्तार किया जाएगा और सामुदायिक स्तर पर लोगों को टीबी रोगियों की मदद और पोषण समर्थन के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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