
- बूढ़े संजय सेतु पर क्षमता से अधिक वाहन भरते हैं फर्राटा
Bahraich: अगले साल घाघरा नदी के संजय सेतु पर 41 साल पुरना पुल बनने की कवायद शुरू हो गई हैं जिसकी लागत भी 300 करोड़ रुपयों की होगी। सूत्रों की माने तो वर्ष 1981 में संजय सेतु की आधारशिला और 1984 में उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 9 अप्रैल 1981 को संजय सेतु की आधारशिला रखी थी।
इसके बनने के बाद इस क्षेत्र के लोगों का लखनऊ और अन्य शहरों से जुड़ना बहुत ही सरल हो गया था। पहले जो सफर 9 दिन चले अढ़ाई कोस की कहावत चरितार्थ करते हुए एक दिन से अधिक का होता था। अब कुछ घंटों में पूरा हो जाता है।सूत्रों की माने तो घाघरा नदी पर बना संजय सेतु 41 वर्ष पुराना तो हैं ही बूढ़ा भी कम नहीं इसके बावजूद भी पुल पर वाहनों का हर रोज बढ़ता भार खतरे की घण्टी जरूर बजा रही है। यही कारण है की पुल में आए दिन तो पुल के ज्वॉइंट में तकनीकी खराबी तो रहती है l रोड़ डायवर्जन जाम की स्थित भी बन जाती है जिस ओर सरकार को समय से पहले संजय सेतु पर नए पुल के निर्माण कार्य के लिए श्री गनेश कर देना चाहि
2026 मे हो सकता हैं ये कार्य
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अगले साल से पुराने पुल के समीप 300 करोड़ रुपए की लागत से नया पुल बनाने का फैसला किया है। साथ ही बाराबंकी से जरवल तक 740 करोड़ रुपए की लागत से फोरलेन सड़क भी बनेगी।जिसकी भी चर्चा है।
” यह सड़क रामनगर (बाराबंकी) के साधारणपुर से शुरू होगी जो बिछलखा और भरसवां मोड़ होते हुए नचना गांव तक जाएगी “
क्या कहते हैं अधिकारी
एनएचएआई के पीडी सौरभ के मुताबिक अगले साल से लखनऊ-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग का काम शुरू हो सकता हैं। इस प्रोजेक्ट में चार लेन का हाईवे और नए घाघरा पुल का निर्माण भी होगा।
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