
Rupaidiha, Bahraich : भारत–नेपाल के सक्रिय व्यापार एवं यात्रा मार्ग के रूप में उभर चुके रुपईडीहा बॉर्डर पर कार्यरत बस चालकों व परिचालकों के परिश्रमिक मानकों की समीक्षा की माँग की जा रही है। यहाँ से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री आवाजाही करते हैं और प्रदेश के विभिन्न नगरों के लिए नियमित बस सेवाएँ संचालित होती हैं। परिवहन कर्मियों का कहना है कि पड़ोसी सीमावर्ती जिलों सिद्धार्थनगर, सोनौली और महाराजगंज में बस कर्मियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा श्रेणी के अनुरूप परिश्रमिक लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। ऐसे में रुपईडीहा को भी इस श्रेणी में शामिल किए जाने से यहाँ सेवा दे रहे कर्मियों को समान प्रोत्साहन मिल सकेगा।
यूनियन प्रतिनिधियों ने आरएम देवीपाटन से मुलाकात कर इस विषय में सकारात्मक विचार किए जाने की अपेक्षा व्यक्त की है। आरएम देवीपाटन अरविंद कुमार यादव ने बताया कि प्राप्त सुझावों के संबंध में प्रशासन एवं शासन को पत्राचार के माध्यम से अवगत करा दिया गया है। आवश्यक निर्देश प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
परिवहन कर्मियों का मानना है कि यदि रुपईडीहा बॉर्डर पर कार्यरत स्टाफ को भी समतुल्य आर्थिक लाभ मिले, तो उनके मनोबल में वृद्धि होगी और सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर रूप से बनाए रखी जा सकेगी।










