
Jarwal, Bahraich : कार्तिक पूर्णिमा मेले के दिन घने कुहरे के बावजूद श्रद्धालुओं ने जरवल के बिरथाना मेले में सरयू घाट पर डुबकी लगाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। साथ ही दान व दीपदान कर सभी पापों से मुक्ति की कामना की। मेले में तरह-तरह की सजी दुकानों पर श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी भी की।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शंकर की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस तिथि पर दान-पुण्य करने से जीवन की हर परेशानी दूर होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि यदि इस दिन श्रद्धापूर्वक दान किया जाए तो पूरे वर्ष घर में धन-समृद्धि बनी रहती है।
कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और दीपदान करने से मनुष्य को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को गंगा या पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
सरयू घाट पर पुलिस प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था देखी गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए अधिकारियों ने निगरानी व्यवस्था सुदृढ़ रखी।
बिरथाना घाट मेले के प्रमुख धार्मिक स्थल
श्री बाबा परमहंस जी महाराज तपोभूमि मंदिर (अंदर समाधि), पुरातन हनुमान मंदिर
कटका भगत साहब तपोभूमि, पुरातन राधाकृष्ण मंदिर
जिगिनिया कुट्टी महंत साहब तपोभूमि, पुरातन हनुमान मंदिर
श्री गुरु नानक साहेब पुराना मठ मंदिर











