
- बूढ़े पुल पर सफ़र हो कैसे जब टूटी गई सरिया बीच में दिखाई देता हैं होल
- अब तो पुल के नीचे भी दिखाई देता हैं घाघरा का पानी
- पांच दशक पूर्व बना था पुल हुआ निष्प्रयोज्य
जरवल/बहराइच। जरवल विकास खण्ड अंतर्गत लखनऊ राजधानी को जोड़ने वाला संजय सेतु पुल में दरार तो है ही बड़े-बड़े होल भी हो गए हैं रही बात पुल के जाल की तो उसकी सरिया भी टूट गई है। फिर भी दो पहिया चार पहिया वाहन हिचकोले खाते ही फर्राटा भरते हुए जानजोखिम मे डाल कर हमेशा दिखाई देते है। यही नही पुल मार्ग पर दुर्घटनाओं का ग्राफ काफी बढ़ गया है। साथ ही पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण हर रोज जाम की स्थिति भी बनी रहती है।
सूत्रों की माने तो लखनऊ-बहराइच मार्ग पर संजय सेतु पांच दशक पुराना पुल है। और इस पुल से मंडल के सभी सभी जिलों के लोग सफर करते है जो जान की बाजी लगा कर फिर भी जिम्मेदार ध्यान नही देते।लोगो की माने तो संजय सेतु पर वाहनों की अधिक भार के चलते अब बूढा हो चुके पुल पूरी तरह निष्प्रयोज हो चुका है। जिसका नतीजा है कि हर तीसरे और चौथे माह में पुल और ज्वाइंट के बीच दरार बढ़ रही है। ऐसे में पुल से आवागमन खतरे से खाली नहीं है।
स्थिति खराब होने पर एनएचआई की ओर से आवागमन वन साइड कर दिया जाता है।इससे 5 से 6 घंटे जाम में एंबुलेंस जैसे वाहन भी फँस जाते हैं। जरवल रोड की पुलिस तो हलकान होती ही है जनपद बाराबंकी की पुलिस कम परेशान नही होती।
सूत्रों की माने तो पुल और ज्वाइंट के बीच दरार भी बढ़ गई है। फिर भी बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या, गोरखपुर के अलावा नेपाल राष्ट्र के लोग यात्रा करते हैं। जो खतरों भरा है।यहाँ तक पुल में कई जगह बड़े बड़े होल बन गए हैं। साथ ही सरिया भी कई जगह टूट गई है। पुल में तीन पिलर मे दरार तक पड़ गई है जिसके चलते वाहन चालक हादसे का भी शिकार हो रहे हैं।
बस एक सप्ताह और…..
जरवल। सहायक अभियन्ता अनंत मौर्या से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुल मे ज्वाइंट के बीच दरार आई है।एक सप्ताह में कार्य शुरू हो जाएगा।
फिलहाल जागरूकता ही विकल्प…..
जरवल। जरवल रोड़ के कोतवाल रमेश रावत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोगो को जागरूक किया जा रहा है कि पुल पर धीमी गति से चलें।