बहराइच : “स्वच्छता” को ढेगा दिखा रहे सफाई कर्मी 

क़ुतुब अंसारी / राजकुमार शर्मा
बाबागंज ( बहराइच ) सीमावर्ती विकास खण्ड नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायत,कस्बा,में तैनात सफाईकर्मी इन दिनों ईद के चाँद साबित हो रहे है। ग्राम पंचायत जैतापुर,जमुनहा बाबागंज,केवलपुर,दौलतपुर,भगवानपुर करींगा आदि दर्जन भर गाँवों मे साफ सफाई  बद से बदत्तर की  स्थिति में है। जिससे क्षेत्र में फैली संक्रामक रोग से महामारी फैलने की आशंका जताई जाती है। इसी क्रम में हालन ही नव्वा गाँव निवासी जगजीवन राम की 12 वर्षिय बेटी  सन्तोषी गुप्ता  इसका जीता जागता उदाहरण है संतोषी हलन ही  डेंगू  रोग से ग्रसित हो अपने जान से हाथ धो बैठी । संतोषी ही नही क्षेत्र में अभी तक कई लोग इस रोग से ग्रसित हो अपने जान से हाथ धो बैठे है। पर क्षेत्रीय अधिकारियों पर लगता है कि उन पर इसका कोई प्रभाव नही है।
बताते चले कि क्षेत्र में इन दिनों तेजी से फैल रही संक्रामक बीमारिया मलेरिया ,टाइफाइड,पीलिया,डेंगू,मस्तिक बुखार,आदी चरम सीमा पर है। यदि अस्पतालों  का नजारा देखा जाय तो साफ साफ सब कुछ साबित हो सकता है।परंतु सफाईकर्मी कनो में तेल डाल कर घर बैठे ही वेतन आहरित करने में जुटे है जो अपनी पहुँच और काबलियत का परिचय देते फिरते है। कई सफाईकर्मी तो लगभग 6 से 8 महीनों से गांव में जाकर लोगो को दर्सन भी नही दिए। इस संबंध  में संवाददाता ने जब प्रधान भगवानपुर करींगा कालीका प्रसाद से पूछा तो सबकुछ सामने आ गया उनके अनुसार लगभग 8 माह से सफाईकर्मी वहां से नदारद है । न ही उन्होंने कोई दशकत किया।इसी क्रम में जब प्रधान दौलतपुर से जानकारी लिया तो उनका भी उत्तर कुछ ऐसा ही था। साथ ही प्रधानों ने संबंधित अधिकारी से इस संबंध में लिखित शिकायत करने का दावा भी किया पर इसका कोई लाभ नही हो सका।
न ही कोई  औपचारिक कारवाही होती दिखी। विदित हो कि गांव में जहाँ बजबजाती नालिया संक्रमिक मछरों को जन्म देते दिखी वही राहगीरो को घर से निकलना दूभर हो रहा है। इतना ही नही कई जगह पर तो लोग नालियों का पानी सड़कों पर उभरने के कारण गिर भी पडे जिससे उनका शरीर अस्त ब्यस्त हो गया  सम्बन्धित ग्रामीणों ने  इस प्रकरण पर कई बार संबंधित अधिकारी  से शिकायत की गई पर अधीकारी गण अनसुनी कर हिला हवाली करने में जुटे है।
सूत्रों की माने तो सफाईकर्मी आजकल गाँवों की जगह केवल खण्ड विकास अधिकारी  के दफ्तर के इधर उधर फेरे देते  ही दिखते है पर क्षेत्र में उनका कार्य  शून्य दिखता है। अंततः प्रश्न यह उठता है कि कैसे इनका वेतन भुगतान होता है कैसे इनके कार्यो में सुधार होगा और कैसे गांवों की सफाई होगी जब ये केवल दफ्तर का फेरे ही लेते रहेंगे।

क्या कहते है पंचायत अधिकारी

जब इस संबंध में पंचायत अधिकारी विधानचंद से ली गयी तो महोदय का कहना था इस समय जिले से फुरसत नही मिलती इस लिए कार्य बाधित है समय मिलने पर कार्यवाही की जाएगी।

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