
बहराइच : खंड विकास अधिकारी कार्यालय सभागार में जनसंख्या स्थिरता और परिवार नियोजन के महत्व को लेकर दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
पहले कार्यक्रम में बहराइच के खंड विकास अधिकारी श्री आलोक कुमार वर्मा ने इतनी भी क्या जल्दी है एसबीसीसी कैंपेन के अंतर्गत परिवार नियोजन जागरूकता के लिए प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन उम्मीद परियोजना के तहत ब्लॉक जरवल के 118 गांवों में जाकर विवाह की सही उम्र, बच्चों में अंतराल और गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग को लेकर समुदाय को जागरूक करेगा।
इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, परिवार नियोजन केवल स्वास्थ्य का विषय नहीं है, यह सामाजिक और आर्थिक विकास से भी जुड़ा है। जब हम बाल विवाह और किशोर गर्भावस्था जैसी कुरीतियों पर रोक लगाएंगे, तभी हम अपने बच्चों को बेहतर भविष्य दे पाएंगे।
ब्लॉक समन्वय समिति की बैठक में इतनी भी क्या जल्दी है अभियान की विस्तार से जानकारी साझा की गई। कार्यशाला में उम्मीद परियोजना, स्वास्थ्य विभाग और पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों ने जनपद की जनसंख्या संबंधी चुनौतियों और प्रयासों पर प्रकाश डाला।
चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जरवल डॉ. कुंवर रितेश ने बताया, बहराइच में बाल विवाह की दर 37.8% है, जो राज्य औसत 15.8% से कहीं अधिक है। कुल प्रजनन दर भी 3.6 है, जबकि प्रदेश औसत 2.4 है। इससे स्पष्ट है कि यहां परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है। हमारी कोशिश है कि इस कैंपेन के माध्यम से लोगों को यह संदेश जाए कि शादी और बच्चों की योजना सोच-समझकर और सही समय पर करें।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिले में आधुनिक गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग केवल 33.4% महिलाओं तक सीमित है, जबकि 27.6% महिलाएं अभी भी अपूर्ण आवश्यकता की श्रेणी में आती हैं। ऐसे में यह कैंपेन समुदाय की सोच में बदलाव लाने का एक प्रभावी माध्यम बनेगा।
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि इस कैंपेन के तहत चार विषयों पर आधारित लघु फिल्में, जिंगल्स, हैंडबिल्स और पोस्टर तैयार किए गए हैं। इन्हें मोबाइल वैन के माध्यम से गांव-गांव ले जाकर दिखाया जाएगा, वहीं ग्राम चौपालों, संवाद कार्यक्रमों और डिजिटल माध्यमों से भी जागरूकता फैलाई जाएगी।
कार्यशाला में अधिकारियों ने यह भी बताया कि विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, एनआरएलएम, पंचायतीराज आदि के सहयोग से यह अभियान अधिक प्रभावशाली तरीके से जमीनी स्तर तक पहुंचेगा। उम्मीद परियोजना के तहत गठित जिला और ब्लॉक स्तर की समन्वय समितियां इस प्रयास को दिशा देने में जुटी हैं।
कार्यक्रम के अंत में परिवार नियोजन को लेकर सराहनीय कार्य करने वाले आशा कार्यकर्ताओं, ग्राम प्रधानों और समुदाय के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए कहा गया।
इस अवसर पर परिवार नियोजन कम्युनिटी चैंपियंस, समूह सखी एवं 50 आशाएं उपस्थित रहीं।
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