बहराइच l कुष्ठ रोग का जल्द पता लगाकर इलाज करने के उद्देश्य से जनपद में 21 दिसंबर से संभावित रोगियों की खोज की जाएगी। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
सीएमओ डा0 सतीश कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोग के संभावित लक्षण और सर्वे रिपोर्ट पर मरीजों के विवरण भरने के तरीके सिखाए जा रहे हैं । प्रशिक्षण उपरांत सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोग के संभावित मरीजों को चिन्हित करेंगे, जिन्हें जांच उपरांत इलाज मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने बताया कुष्ठ रोग माइक्रोबैक्टीरियम लेपरे नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है।
यह मुख्यतः त्वचा, आँख, नाक और बाहरी तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। इलाज न किए जाने पर यह रोग स्थायी दिव्याङ्ग्ता का कारण बन सकता है। शारीरिक विकृति के अलावा कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों को कलंक और भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है । उन्होंने बताया कुष्ठ रोग का इलाज संभव है और बीमारी की शुरुआत में ही इलाज कराने से इससे होने वाली दिव्याङ्ग्ता को रोका जा सकता है।
ऐसे फैलता है कुष्ठ रोग
जिला कुष्ठ रोग विशेषज्ञ डॉ विनय श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे कुष्ठ रोगी जिनका इलाज नहीं चल रहा है उनके साथ कई महीनों लंबे समय तक निकट संपर्क के दौरान नाक, मुंह से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से कुष्ठ रोग एक दूसरे में फैलता है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति के साथ आकस्मिक संपर्क जैसे हाथ मिलाने या गले मिलने, भोजन साझा करने या एक दूसरे के बगल में बैठने से यह बीमारी नहीं फैलती। वहीं मरीज का उपाचार शुरू होने के बाद यह बीमारी फैलना बंद हो जाती है। उन्होंने बताया वर्तमान में 225 कुष्ठ रोगियों का इलाज चल रहा है। डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने बताया कि वर्तमान में 225 कुष्ठ रोगियों का इलाज चल रहा है।
नए रोगियों को खोजने और जल्द इलाज शुरू करने के उद्देश्य से 21 दिसंबर से 4 जनवरी तक 14 दिवसीय सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जनपद की 4102 आशा कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की गयी है। एक आशा कार्यकर्ता के साथ एक पुरुष को भी टीम का सदस्य बनाया गया है जो संभावित कुष्ठ रोगियों को खोजने में मदद करेंगे।
यह हैं कुष्ठ रोग के लक्षण –
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ पीके वर्मा ने बताया कि नौ लक्षणों के आधार पर संभावित कुष्ठ रोगियों की खोज की जाएगी । इनमें त्वचा पर लाल या फीके धब्बे के साथ ही उसमें पूर्ण रूप से सुन्नपन या सुन्नपन का एहसास होना, चमकीली या तैलीय त्वचा होना , कर्ण पल्लव ( कान के नीचे लटक रहा हिस्सा )का मोटा होना या उसमें गांठ होना, त्वचा पर कहीं भी गांठ होना , आँखों को बंद करने में दिक्कत, या आँखों से पानी आना , भौहों का खत्म होना , हाथ पैर में घाव या दर्द रहित छाले, कमीज या जैकेट के बटन बंद करने में असमर्थ होना , हाथ या पैर की उँगलियों का मुड़ जाना, चलते समय पैर का घिसट जाना कुष्ठ रोग के संभावित लक्षण है । इनमें से कोई भी लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर जांच व इलाज कराया जा सकता है।
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