
नानपारा, बहराइच। सरकार द्वारा प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने को लेकर तमाम प्रयास किये जा रहे लेकिन प्लास्टिक पालीथीन आदि धड़ल्ले से सभी जगह इस्तेमाल हो रहा है। प्लास्टिक प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए समय समय पर स्थानीय प्रशासन ने अभियान चलाया लेकिन प्लास्टिक कचरे पर अंकुश नही लग सका। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक सभी जगह सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग हो रहा है।
प्राय: देखा आता है कि लोग घरों से थैला लेकर सामान लेने को नहीं निकलते और फिर बाजार में प्लास्टिक थैली में सामान लेकर अपने घरों को जाते हैं लोगों की ऐसी आदत बन चुकी है अपनी आसानी की वजह से प्लास्टिक थैली का प्रयोग करते है।
दूसरी ओर ग्राहक की मंशा को ध्यान रखते हुए दुकानदार सामानों की बिक्री के लिए प्लास्टिक थैली का प्रयोग करते हैं। ग्राहक कैरी में प्लास्टिक की थैली आसनी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक की थैली जगह जगह फेक दी जाती है।
प्लास्टिक थैली को फेकने के बाद नालियों में पट जाती है जिसे जल निकासी की समस्या भी होती है l प्लास्टिक से धीरे धीरे नालियों का पानी अवरुद्ध हो जाता है। सड़को पर पानी भर जाता है। नागरिकों को प्लास्टिक पन्नी से तमाम समस्या होती है। जागरूकता के अभाव में नगर एवं गांव के लोग प्लास्टिक पन्नी का प्रयोग कर रहे है।
वर्षों से बाजार में बिकने वाले फुटकर सामान डालडा, घी बच्चो के खाने के तमाम सामान भी प्लास्टिक पन्नी में होते है। जागरूक लोगो ने कहा प्लास्टिक पन्नी के प्रयोग रोकने के लिए सरकार को प्लास्टिक पन्नी बनाने वाली फैक्ट्री को बंद करना होगा।लोगो को जागरूक करने को आवश्यकता है।
प्लास्टिक पन्नी का प्रयोग गली मोहल्लों में सबसे अधिक प्रयोग हो रहा है। प्लास्टिक पन्नी नालियों ,नालो में पटी रहटी है। नगरपालिका की ओर से प्लास्टिक मुक्त करने के लिए अभियान चला कर दुकानदारों के यहां छापे भी मारे गए।जुर्माना भी लगाया गया। लेकिन अब तक अंकुश नही लग सका।
जागरूकता के लिए हो चुकी है गोष्टी
विद्यालयों में बच्चो को जागरूक करने के लिए श्री शंकर इंटर कालेज में प्लास्टिक पन्नी के प्रयोग रोकने को लेकर गोष्ठी भी। अयोजित की गई। लेकिन समस्या का हल नही निकल सका। प्लास्टिक से बीमारी फैलती है प्लास्टिक पन्नी के स्थान पर कपड़े के थैले का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। दुकानदारों को पन्नी देने से मना करना चाहिए। उनको पन्नी से होने वाले खतरों के बारे में मना करना चाहिए।
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