
Baghpat : उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत के बड़ौत में 28 जनवरी को हुए मचान हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे। उसके बाद अब दोबारा बड़ौत में उसी जगह पर आगामी 7 से 12 दिसंबर तक होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों में चल रही भारी सुरक्षा चूक पर आखिरकार जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। अत्यधिक ज्वलनशील थर्मोकॉल सामग्री के बड़े पैमाने पर प्रयोग और पंडाल में सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी पर बड़ा असर सामने आया है।
प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए महोत्सव के लिए बनाए जा रहे विशाल पंडाल निर्माण की अनुमति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी है। नोटिस की कॉपी भी निर्माणाधीन पंडाल पर चस्पा कर दी गई है।
बागपत जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि मौके पर की गई जांच में पंडाल निर्माण में भारी अनियमितताएँ पाई गईं। न केवल ज्वलनशील थर्मोकॉल का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा था, बल्कि पंडाल में सुरक्षा के न्यूनतम मानकों तक का पालन नहीं हो रहा था। मजदूर ऊँचाई पर बिना सुरक्षा उपकरणों के काम कर रहे थे, आग से बचाव के साधन मौजूद नहीं थे और कार्यक्रम स्थल पर भीड़ निकासी मार्ग की उचित व्यवस्था तक नहीं थी।
जिला प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए पूरी अनुमति रद्द कर दी और पंडाल निर्माण कार्य तत्काल रोकने के निर्देश जारी कर दिए। वहीं आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि आयोजन स्थल पर सुरक्षा की दृष्टि से खतरा बना हुआ था और किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता था।
स्पष्ट है कि जिस थर्मोकॉल सजावट और एकमात्र द्वार वाले पंडाल पर हमने संभावित खतरे की ओर इशारा किया था, उसे प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की है। बड़ौत में इसी वर्ष 28 जनवरी को हुए मचान हादसे के बाद लोगों की चिंता को देखते हुए प्रशासन की यह कार्रवाई पूरी तरह उचित मानी जा रही है।
प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम से जहाँ एक ओर आयोजकों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं अब इस बड़े आयोजन को लेकर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। आयोजन करना है तो उन्हें जिला प्रशासन द्वारा तय नियमों का पालन करना होगा और पंडाल से पूरी तरह थर्मोकॉल हटाना होगा।










