बागपत में दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर निर्माण के बीच भूमि अधिग्रहण को लेकर एक दुल्हन फेरों से पहले अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ गई। कड़े विरोध के चलते अधिग्रहण,कब्जा करने पहुँचे अधिकारी वहां से बैरंग लौट गए, लेकिन दुल्हन अपने परिवार के साथ कई घंटों तक धरने पर डटी हुई है।दरअसल, यह पूरा मामला बिजरौल गांव और जलालपुर गांव के बीच का हैं । जहां से दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है। यहां पर 3 साल पहले बिजरौल गांव के बलवान व उसके बेटे यशपाल की करीब 5 एकड़ भूमि को कॉरिडोर निर्माण के चलते अधिग्रहण किया गया था।
कॉरिडोर निर्माण के बीच अब फिर से इन दोनों किसानों की करीब एक बीघा जमीन और अधिग्रहण को लेकर प्रशासन प्रयास कर रहा है जिसका यह परिवार व ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। यशपाल की बेटी वंशिका की बीती शाम शादी होनी थी । बेटी वंशिका हाथों, पैरों पर मेहंदी लगवाकर दूसरी तैयारी में व्यस्त थी। तो परिवार के सदस्य घर व विवाह मंडप में शादी की तैयारी में जुटे हुए थे। इसी बीच परिवार के लोगों को सूचना मिली कि एनएचएआई के अधिकारी, पीड़ी, पुलिसबल जमीन पर कब्जा करने आ रहे हैं। इस सूचना पर परिवार के लोग आनन फानन में अपनी जमीन पर पहुँच गए। साथ में दुल्हन वंशिका भी अपने पिता की जमीन बचाने को परिवार के लोगों के साथ वहीं धरने पर बैठ गई। कहाँ तो उसे रात में होने वाले फेरों की तैयारी में लगना था, उल्टा वह हाथों, पैरों पर मेहंदी लगाए हुए धरने पर बैठ पीड़ी के खिलाफ नारेबाजी करने लगी।
इनका आरोप था कि इस मामले में 16 अप्रैल को एडीएम बागपत के यहां आपत्ति की सुनवाई भी है, लेकिन अधिकारी पुलिस को लेकर जमीन पर कब्जा करने पहुँच गए। अब वे यहां तब तक धरने पर रहेंगे जब तक सुनवाई नहीं हो जाती। जमीन को कब जाने पहुंचे अधिकारी तो इस कड़े विरोध के चलते वापस लौट गए,